नरेश तोमर लखनऊ ::- सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात ठीक करने के लिए सबसे कनिष्ठ शिक्षक का तबादला किया जाएगा। जिले के अंदर शिक्षकों के तबादलों से पहले बेसिक शिक्षा परिषद शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन करेगी। इसके बाद ही तबादले किए जाएंगे। अभी तक सेवा नियमावली में यह स्पष्ट नहीं है कि जिले के अंदर तबादले करने में सबसे कनिष्ठ शिक्षक को हटाया जाए जबकि शासनादेश में यह उल्लिखित रहता है कि सबसे बाद में आने वाले शिक्षकों को समायोजन की सूची में शामिल किया जाए। सेवा नियमावली में स्पष्टता न होने के कारण हर बार हाईकोर्ट में मामला लटक जाता है।
दरअसल कई जिलों में शहरों या इससे जुड़े क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा होती है और गांव के भीतरी इलाकों के स्कूलों में कम शिक्षक होते हैं। पूरे प्रदेश में ऐसे लगभग 79 हजार शिक्षक हैं जिनकी तैनाती छात्रों के अनुपात में ज्यादा है। जिलों के अंदर पिछले कई वर्षों से तबादले नहीं हुए हैं।
हर बार अंतरजनपदीय तबादलों के बाद जिलों के अंदर तबादले की योजना बनती है लेकिन यह सफल नहीं हो पाती। इस बार अंतरजनपदीय तबादले के बाद जिले के अंदर तबादले करने की योजना है ताकि शिक्षकों की आनुपातिक तैनाती की जा सके।
आकांक्षी जिलों से तबादले की उम्मीद कम
प्रदेश के आठ आकांक्षी जिलों से तबादले खुलने की उम्मीद इस बार भी कम है। यहां परस्पर यानी अदला-बदली में शिक्षक यहां आना चाहे और वह शिक्षक यहां कार्यभार ग्रहण कर ले, तब ही आकांक्षी जिलों के शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जाएगा।