बलिया — ripot -amit kumar —- एक तरफ यूपी में शिक्षा व्यस्था में सुधार को लेकर योगी सरकार काफी प्रयास कर रही हैं।इतना ही नही बल्कि प्राइवेट विधालयो की तर्ज पर सरकारी विधालयो को भी सवारने का काम किया जा रहा हैं.लेकिन यहां तो साफ उल्टा ही नजर आ रहा हैं। बलिया जनपद के गड़वार ब्लॉक के चवरी उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक बड़ा मामला देखने को मिला। जहाँ विद्यालय में पढ़ने आये पांच मासूम बच्चों से शिक्षक ने एक किलोमीटर तक की दूरी से कोटेदार के घर से और विद्यालय तक ठेला पर खाद्यान रखकर ठेला खिंचवाते नजर आया। हाय रे योगी सरकार और सरकार के कर्मचारी ——
विद्या के मंदिर में शिक्षा ग्रहण करने आये मासूम बच्चों से ठेला मंगवा कर कोटेदार के घर भेज दिया।
बलिया जनपद के गड़वार ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय चवरी में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना देखने को मिली। जहाँ इन मासूम हाथों में विद्या होनी चाहिए वही शिक्षक ठेला खिंचवा रहे हैं। जब विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य आलोक यादव ने विद्यालय की मिड डे मील का खाद्यान्न समाप्त हो गया था। और इनको ठेला खिंचने वाला नही नही मिला तो । विद्या के मंदिर में शिक्षा ग्रहण करने आये मासूम बच्चों से ठेला मंगवा कर कोटेदार के घर भेज दिया। यह ईट से बनी सड़क पर मासूमों को ठेला ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं । और कोटेदार के घर से खाद्यान्न की पांच बोरियो को ठेले पर लादकर इन कंकड़ीली सड़को से होकर विद्यालय ले जाते हुए पांच मासूम बच्चों को। आप देखकर ही अन्दाजा लगा सकते हैं।कि मासूमो को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा होगा।
मासूमो को ठेला को लेकर विद्यालय के कमरे में ले जाने में कितनी मसक्कत की । आप देख सकते हैं इन तस्वीरों में यही हैं यूपी की शिक्षा व्यस्था।जहाँ मासूम बच्चों से पढ़ने की जगह विद्यालयों में काम करते हुए
जरा गौर से देखिए इन तस्वीरों को आपके रोगंटे खड़े हो जाएंगे। शिक्षा के मंदिर में पढ़ने वाले मासूम बच्चों को ठेला खिंचते हुए। ठेला खिंचने में कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं इन सड़कों पर। मासूमो को ठेला खिंचते हुए इनको पशीने तक बहने लगे। इतना ही नही हुआ जब विद्यालय कैम्पस में ठेला लेकर जब पहुँचे तो देखिए नज़ारा। शिक्षक सामने खड़े होकर देख रहे हैं। लेकिन ठेला छूने तक हिमाकत नही किये। और मासूमो को ठेला को लेकर विद्यालय के कमरे में ले जाने में कितनी मसक्कत की । आप देख सकते हैं इन तस्वीरों में यही हैं यूपी की शिक्षा व्यस्था।जहाँ मासूम बच्चों से पढ़ने की जगह विद्यालयों में काम कराने की। जो यूपी की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा से सवाल उठता हैं। लेकिन सवाल उठने के बाद भी कार्यवाही के नाम होती हैं खाना पूर्ति।
इन मासूम बच्चों के साथ साथ आ रहा हूँ। ऐसी कोई बात नही हैं। हाँ मैन ठेला वाले को बोला था लेकिन वह नही आया
हालांकि की जब प्रभारी प्रधानाचार्य आलोक यादव से बात किया गया तो कहना है कि मैं भी कोटेदार के घर गया था और मैं इन मासूम बच्चों के साथ साथ आ रहा हूँ। ऐसी कोई बात नही हैं। हाँ मैन ठेला वाले को बोला था लेकिन वह नही आया।इस लिये बच्चे के साथ सहयोगी के रूप थे।
जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात किया गया तो कहना है कि मुझे आपके माध्यम से जानकारी हो रही हैं। ऐसी घटना हैं। तो मैं अभी खंड शिक्षा अधिकारी को भेजता हूँ। और आवश्यक कार्यवाही करता हूँ।जब बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना पर भी कार्यवाही के नाम होगी खाना पूर्ति या होगी कार्यवाही अब देखने वाली बात होगी —-