गोलगप्पा वाला
कितनी सुखद तस्वीर है ये ऐसी तस्वीरें जब भी आंखों के सामने से गुजरती हैं तो थोड़ी देर के लिए ही सही पर मैं खुद को उन मां-बाप की जगह रखकर देखना चाहती हूं. उस ‘एहसास’ को महसूस करना चाहता हूं, जो वह मौजूदा वक़्त में कर रहे होते हैं. बताइए गोलगप्पा बेचने वाले पिता का बेटा आज वैश्विक पटल पर देश का नाम रौशन कर रहा है.वो भी इतनी छोटी उम्र में!
कितना गौरवान्वित करने वाला पल है!
साउथ अफ्रीका में चल रहे अंडर 19 वर्ल्ड कप मैच के पहले सेमीफाइनल मैच के हीरो बनकर उभरे यशस्वी के पिता को आज कैसे नींद आएगी?
जिस पिता के दिन ‘भैया एक सूखा खिलाओ’ , भैया हाथ धोकर गोलगप्पे खिलाओ’, भैया छोले वाले गोलगप्पे बनाना’, यही सुनने में गुजर जाया करती थी, आज वह कैमरे के सामने इंटरव्यू दे देकर थक चुका होगा. कैमरेवाले कह रहे होंगे आप गोलगप्पे बेचते हुए ही इंटरव्यू दीजिए, विजुअल अच्छा आएगा. रिपोर्टर पूरी कोशिश में होगा कि कुछ ऐसे सवाल कर दूं कि यह शख्स कैमरे के सामने रो दे. टीवी स्क्रीन ‘बेटे की जीत के आंसू’ ‘बेटे ने छुड़ाए पाकिस्तान के छक्के’ ,’ यशस्वी के यश से थर्राया पाकिस्तान’ के लाग लपेटों से पट चुका होगा. लेकिन यशस्वी के पिता की भावनाओं को समझना इतना आसान कहांं है. इतनी खुशी, इतना गौरव, एक साथ इतनी भावनाएं कोई कैसे संभालता होगा.👌👌