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हवालात में बंद निर्दोष की मौत आरसी में गलत नाम दर्ज व्यक्ति को किया गया था बन्द,SDM, तहसीलदार  पर FIR के आदेश दिए

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बदायूँ–सहसवान तहसील प्रशासन द्वारा हवालात में आरोपी बकायेदार के स्थान पर उसी से मिलते हुए नाम के व्यक्ति को बंद कर मारपीट करने और फिर हवालात में 11 दिन उस व्यक्ति की मौत हो जाने के के मामले में मृतक ब्रजपाल की पत्नी लक्ष्मी देवी द्वारा दोषियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (C J M) ने संगे अपराध मानते हुए प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया है और धारा 156( 3) के अंतर्गत संबंधित थाना अध्यक्ष को विवेचना कर दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

बृजपाल पुत्र की मौत 3अक्टूबर को सहसवान तहसील की हवालात में हो गई थी उल्लेखनीय है कि सहसवान तहसील के जरीफनगर थाना इलाके के गांव दुर्गपुर के रहने वाले बृजपाल पुत्र ओमपाल की मौत 3अक्टूबर को सहसवान तहसील की हवालात में हो गई थी ।उसको बिजली चोरी के 2017 में दर्ज हुए मामले में नवम्बर 2018 में जारी आरसी के 81922 रुपये जुर्माना न दें पाने के कारण 23 सितम्बर को पकड़ कर लाया गया और सहसवान तहसील की हवालात में बंद कर दिया गया। 14 दिन की न्यायिक बन्दी के 11 वें दिन दिनांक 3 अक्टूबर को उसकी हालात बिगड़ गई और उसको हवालात का ताला तोड़ कर निकाला गया और अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते मे बृजपाल की मौत हो गई थी । मृतक के भाई महेश ने पुलिस को तहरीर दी थी जिसमें आरोप लगाया था कि बृजपाल की मौत हवालात में हुई है जहां उसके साथ तहसीलदार एवं तहसील के अन्य कर्मियों ने मारपीट की जिससे उसकी मौत हुई है । प्रार्थना पत्र में महेश ने दोषी तहसीलदार, एसडीएम, नायाब तहसीलदार और आमीन पर कार्यवाही की मांग की थी।

बृजपाल का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे वह कह रहा था कि वह आठ दिनों से हवालात में बंद

बृजपाल की मौत के बाद हवालात में बंद होने के आठवें दिन का बृजपाल का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे वह कह रहा था कि वह आठ दिनों से हवालात में बंद है । जिसके नाम आरसी जारी हुई है वह बृजपाल दूसरा है। जिस ब्रजपाल नाम आरसी जारी की गई है उसके पिता का नाम ओमकार है और वह बृजपाल नामक व्यक्ति कृत्रिम गर्भाधान केंद्र चलाता है ,उसी की दुकान पर बिजली चोरी पकड़ी भी गई थी । उसके पिता का नाम ओमपाल है जबकि असली आरोपी के पिता का नाम ओमकार है। । कुछ लोगो ने उसका नाम रंजिशन लिखवा दिया है उसको पीटते हुए नंगे पैर लाया गया है ।

जांच करने के बजाय मामले को रफादफा

तहसील और जिला प्रशासन ने सही तथ्यों की जांच करने के बजाय मामले को रफादफा करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई गई थी।

मौर्य शाक्य समाज एवं ब्रजपाल के परिवार के लोगों ने बृजपाल के पक्ष में सांसद से मदद करने की गुहार भी लगाई थी

उल्लेखनीय है कि बदायूं से भाजपा सांसद डॉ0 संघमित्रा मौर्य पीड़ित पक्ष की सजातीय मौर्य शाक्य समाज से ही आती हैं ऐसे में पीड़ित पक्ष को सांसद डॉ0 संघमित्रा मौर्य से मदद अत्यधिक उम्मीद थी। मौर्य शाक्य समाज एवं ब्रजपाल के परिवार के लोगों ने बृजपाल के पक्ष में सांसद से मदद करने की गुहार भी लगाई थी किन्तु केंद्र एवं प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी मौजूदा भाजपा सांसद की किसी अधिकारी ने नहीं सुनी वे पीड़ित पक्ष की मदद करने में नाकाम रहीं और बेकसूर बृजपाल शाक्य ने हवालात में तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।

पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव द्वारा पीड़ित परिवार को ₹50000 की मदद और दोषियों पर कार्रवाई ना होने पर जिला प्रशासन को चेतावनी

समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव द्वारा पीड़ित परिवार को ₹50000 की मदद और दोषियों पर कार्रवाई ना होने पर जिला प्रशासन को चेतावनी देने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह द्वारा आनन-फानन में इस मामले मे तहसीलदार धर्मेन्द्र सिंह,नायव तहसीलदार राजपाल को हटा दिया गया था जबकि संग्रह आमीन,सहायक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी को निलंबित कर दिया गया था किंतु एसडीएम पर कोई कार्यवाही नही की थी ।

जमीन पर गिराकर लात घूंसों से बुरी तरह से पीटा जिससे उनके सीने व पेट में चोट लगी और मुंह से खून आने लगा – मृतक बृजपाल की पत्नी लक्ष्मी देवी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में धारा 156 (3) के अंतर्गत प्रार्थना पत्र दिया जिसमें यह कथन किया गया की प्रार्थना दिनांक 1 अक्टूबर 2019 को वह रोज की भांति अपने पति को खाना लेकर गई तो वहां पहले से मौजूद एसडीएम संजय सिंह तहसीलदार धीरेंद्र सिंह नायब तहसीलदार राजकुमार सिंह ने खाना देने से रोका । उसके द्वारा विरोध करने पर एसडीएम संजय सिंह आग बबूला हो गए और प्रार्थनी के सामने ही लॉक अप खुलवा कर एसडीएम संजय सिंह तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने उसके पति को जमीन पर गिराकर लात घूंसों से बुरी तरह से पीटा जिससे उनके सीने व पेट में चोट लगी और मुंह से खून आने लगा जिसको उन्होंने अपने अंगोछे से पोंछा। उपरोक्त तीनों ने खाना भी छीन लिया और प्रार्थीनी को गालियां देकर भगा दिया। प्रार्थनी ने कथन किया है कि उपरोक्त लोगों द्वारा पहुंचाई गई चोटों के कारण ही दिनांक 3/10 /2019 को उसके पति की मृत्यु हो गई ।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बदलाव किया

प्रार्थनी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने दबाव में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बदलाव किया गया है ताकि उसके पति की मृत्यु को सामान्य मृत्यु साबित किया जा सके जबकि वास्तव में उसके पति की मृत्यु 1/ 10/ 2019 को एसडीएम संजय सिंह व उनके साथियों द्वारा पहुंचाई गई चोटों के फलस्वरूप हुई है ।

आदेश की प्रति अनुपालनार्थ संबंधित थानाध्यक्ष को प्रेषित

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विद्वान न्यायाधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश तिवारी ने अपने आदेश में कहा है कि वादिका लक्ष्मी देवी का धारा 156( 3) द0प्र0स0 का प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है। संबंधित थानाध्यक्ष को आदेशित किया जाता है कि वह प्रार्थना पत्र में वर्णित कथनों के संबंध में विपक्षी गण उपरोक्त के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करना सुनिश्चित करें। आदेश की प्रति अनुपालनार्थ संबंधित थानाध्यक्ष को प्रेषित की जाए।-

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