नरेश तोमर, पुलिस ने एक फैक्टरी का खुलासा किया है जहां नकली जीरा बनाने का काम कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था। जानकारी के अनुसार बवाना थाना पुलिस ने फूल झाड़ू के चूरे से नकली जीरा बनाने वाली फैक्टरी का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने यह फैक्टरी पूंठखुर्द में पकड़ी जहां से पुलिस ने सरगना और काम कर रहे चार मजदूरों को गिरफ्तार किया है। फैक्टरी से करीब बीस हजार किलो नकली जीरा पुलिस ने बरामद किया है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी फूल झाड़ू के चूरे में गुड़ का शीरा और पत्थर का पाउडर मिलाकर नकली जीरा तैयार करते थे। फैक्टरी में हो रहे इस गोरखधंधे को देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। बताया जा रहा है कि यह गैंग पहले शाहजहांपुर में फैक्टरी चला रहा था। दिल्ली में अधिक मुनाफा होने की वजह से आरोपियों ने यहां फैक्टरी खोली थी। यहां तैयार किया जा रहा नकली जीरा आरोपी गुजरात और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई कर रहे थे। पुलिस को इस गिरोह के दूसरे सगरना और फाइनेंसर की तलाश है, उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है, पुलिस का दावा है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आरोपी यूपी के रहने वाले
जिला पुलिस उपायुक्त गौरव शर्मा के मुताबिक आरोपियों की पहचान जलालाबाद, शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश निवासी हरिनंदन, कामरान, गंगा प्रसाद, हरीश और पवन के रूप में हुई है। अधिकारियों के मुताबिक बवाना थाने में तैनात हवलदार प्रवीण को पूंठखुद गांव में नकली जीरा बनने की जानकारी मिली। यह नकली जीरा बनाने की फैक्टरी सुरेश कुमार के मकान में चल रही थी।
मौके से बरामद सामान
मौके से पुलिस ने 485 बोरे नकली जीरा (एक बोरे में 40 किलो), 350 बोरे पत्थर का चूरा (एक बोरे में 15 किलो), 80 बोरे फूल झाड़ू का चूरा (एक बोरे में 20 किलो) और 35 ड्रम शीरा (एक ड्रम में 35 किलो) बरामद किए।
अगस्त में लगायी थी फैक्टरी
सरगना हरिनंदन ने बताया कि ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए उन लोगों ने अगस्त माह से दिल्ली में नकली जीरा बनाने लगा। करीब तीन माह पहले इन लोगों ने पूंठखुर्द गांव में सुरेश कुमार का घर किराए पर लिया था। जांच में पता चला कि गैंग का मुख्य सरगना लालू है। जो फिलहाल फरार है। लालू का काम कच्चा माल खरीदने से लेकर उसे बेचने की व्यवस्था करना था।