जोगेंन्द्र सिंह पुंडीर, जिस तरह सैकड़ों वर्षों से अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे विवाद का समाधान माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया उससे न्याय की जीत हुई है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते समय पूरी निष्पक्षता दिखायी है। इस फैसले का देशभर में स्वागत किया गया है। हर पंथ हर संप्रदाय के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के इस महत्वपूर्ण और ऐहितासिक फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले ने धर्म और जाति के आधार पर राजनीति करने वालों को भी करारा जवाब दिया है। एक बार फिर साबित हो गया कि देश की जनता को न्यायालयों पर पूरा भरोसा है।
अयोध्या मुददे पर फैसला आने के बाद उनका भी सपना सच हुआ जो इस मुददे की लड़ाई लड़ रहे थे। जिस तरह से दूसरे पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने के आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिये हैं उससे एक बार फिर देश का सौहार्द कायम रहा है। मुस्लिम पक्षों ने भी फैसले का स्वागत किया है।
विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र देश की न्याय पालिका को ओर उन सभी महानुभावों का आभार जिन्होंने इस पावन कार्य के लिए बिना किसी स्वार्थ के सहयोग किया। इस फैसले से भारत का स्वाभिमान लौटा है। यहाँ न कोई पक्ष हारा है न कोई पक्ष जीता है। इस फैसले के बाद देश की जनता ने अयोध्या के माथे पर लगे कलंक को मिटते देखा है। जनता ने पच्चीस पीढ़ियों के अधूरे स्वप्न को पूरा होते देखा है। देश की जनता ने इस इतिहास को बनते देखा है।