आरएसएस करेगा जल संकट की समस्या पर देशभर में चर्चा
नरेश तोमर, अजमेर में हुई कुछ दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में प्लास्टिक मुक्त भारत किसे बने इसको लेकर चर्चा हुई थी जिसमे यह निर्णय लिया कि शाखा क्षेत्र में युवाओं बच्चों एवं महिलाओं में प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए जागरूकता एवं स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के बारे में बताएगा तीर्थ नगरी पुष्कर में संघ के राष्ट्रीय बैठक में पर्यावरण संकट के मुद्दे पर गहन मंथन के बाद इस आशय का निर्णय किया गया कि जल संकट की समस्या से देश को पर चर्चा हो।
कुछ दिन पहले अजमेर में जो प्रमुख मुद्दे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उठाए थे वह यह है शाखा स्तर पर पौधारोपण आसपास की कॉलोनियों को ले क्षेत्र में मार के दोनों और पौधे लगाने के लिए आमजन को प्रेरित करना तथा तुलसी के साथ अन्य पौधों का वितरण शाखा में जो स्वयं सेवक आते हैं वह अपने मोहल्ले में आसपास के क्षेत्र में तुलसी के साथ में अन्य पौधे का भी वितरण करेंगे शाखाओं में पेड़ पौधे का महत्व एवं बौद्धिक चर्चा करना क्षेत्र में लगाए पौधों की देखभाल का जिम्मा लेना इसके लिए स्वयं सेवक सेवक जो भी वह अपनी जिम्मेदारी पर पेड़ों की देखभाल करेंगे साथ ही के उपयोग से स्वास्थ्य में होने वाले नुकसान को बताना और जन चेतना लाना आदि कार्य ईश्वर और आगामी वर्ष के लिए भी होंगे शाखा में युवा बच्चे और महिलाएं इसको रोकने के लिए एक कदम उठाएगी मोहल्ले भर में जाकर लोगों को जागृत करेगी और साथ ही बता कि केंद्र सरकार भी आने वाले 2022 तक प्लास्टिक मुक्त भारत का संकल्प लिया है इसके लिए सिंगल युद्ध प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा और साथ ही जो जनचेतना है उनको भी जागरूक करने का कार्य भारत सरकार करेगी अजमेर में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में प्लास्टिक मुक्त मुक्त भारत और पीड़ित भारत का संग नाथ किया शाखा क्षेत्र में युवाओं बच्चों एवं महिलाओं में प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए जागरूकता एवं स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के बारे में बताएगा तीर्थ नगरी पुष्कर में संघ के राष्ट्रीय बैठक में पर्यावरण संकट के मुद्दे पर गहन मंथन के बाद इस आशय का निर्णय किया गया कि जल संकट की समस्या से देश को पर चर्चा हो
कुछ दिन पहले अजमेर में जो प्रमुख मुद्दे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उठाए थे वह यह है शाखा स्तर पर पौधारोपण आसपास की कॉलोनियों को ले क्षेत्र में मार के दोनों और पौधे लगाने के लिए आमजन को प्रेरित करना तथा तुलसी के साथ अन्य पौधों का वितरण शाखा में जो स्वयं सेवक आते हैं वह अपने मोहल्ले में आसपास के क्षेत्र में तुलसी के साथ में अन्य पौधे का भी वितरण करेंगे शाखाओं में पेड़ पौधे का महत्व एवं बौद्धिक चर्चा करना क्षेत्र में लगाए पौधों की देखभाल का जिम्मा लेना इसके लिए स्वयं सेवक सेवक जो भी वह अपनी जिम्मेदारी पर पेड़ों की देखभाल करेंगे साथ ही के उपयोग से स्वास्थ्य में होने वाले नुकसान को बताना और जन चेतना लाना आदि कार्य ईश्वर और आगामी वर्ष के लिए भी होंगे शाखा में युवा बच्चे और महिलाएं इसको रोकने के लिए एक कदम उठाएगी मोहल्ले भर में जाकर लोगों को जागृत करेगी और साथ ही बता कि केंद्र सरकार भी आने वाले 2022 तक प्लास्टिक मुक्त भारत का संकल्प लिया है इसके लिए सिंगल युद्ध प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा और साथ ही जो जनचेतना है उनको भी जागरूक करने का कार्य भारत सरकार करेगी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद पर्यावरण के हितैषी प्लास्टिक को नहीं अपनाने की मुहिम में जोर-शोर से जुट गये हैं। यह बात गांठ बांध लें कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं का परित्याग करके हम अपना जीवन तो सुखमय बनाने की दिशा में आगे बढेंगे ही साथ ही अपनी अगली पीढियों के लिये सुखद भविष्य भी देकर जायेंगे। देश के अन्य प्रांतों की तरह देश के सभी राजधानी प्लास्टिक बंद किये जाने के लिये में जोरदार आगाज हुआ है। सभी नगर निगम से लेकर सरकारी दफ््तरों और सामाजिक संगठनों की ओर से इस अभियान को बेहतरीन ढंग से प्रचारित प्रसारित करने के लिये कार्य शुरू हो चुका है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर के दिन कई सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक नहीं अपनाने की शपथ भी ली गई है। प्लास्टिक से तमाम दुश्वारियां हैं। लोग प्लास्टिक में कूडा भरकर नालियों में फेंक रहे थे। इससे नालियां चोक हो रही थीं। जब प्लास्टिक का इस्तेमाल और बिक्री पूर्णरूप से बंद हो जाएगी तो इस समस्या का समाधान बेहतरीन हो सकेगा। इसके अलावा कई जगह आपने देखा होगा तमाम लोग घरों के बाहर कूडे के संग प्लास्टिक में भी आग लगा रहे होते हैं। इससे वायु प्रदूषण बढ रहा है। यदि यह सब नहीं होगा तो हमें सुंदर वातावरण मिलेगा। प्लास्टिक बंद होने से होने वाले एक और महत्वपूर्ण तथ्य पर बात करते हैं। प्लास्टिक बंद होने से इससे निर्मित होने वाली सामग्री भी वातावरण को प्रभावित नहीं करने वाली वस्तुओं से निर्मित होंगी। इससे हमारे लोगों के छोटे-छोटे उद्यम पनपेंगे। कई खाली हाथों को काम मिलेगा। सरकार और शासन-प्रशासन की तरफ से इसे बंद करने के लिये जो प्रयास किये जा रहे हैं उनका अनुपालन ठीक से हो यह बात हमें भी सुनिश्चित करनी होगी। जनता ने यदि खुद ही मन बना लिया कि प्लास्टिक नहीं अपनाना है तो अभियान की सफलता हमें निर्धारित वक्त से पहले मिल जाएगी। हम लोगों को यह बताने में सफल हो सके कि प्लास्टिक के कितने दुष्प्रभाव हैं और हो रहे हैं तो सफलता स्वतः ही चरण चूमेगी। प्लास्टिक बंदी के दूरगाामी सुखद परिणाम सामने आएंगे, इस विचार के साथ हम सभी को प्लास्टिक न इस्तेमाल करने की शपथ लेनी होगी तभी यह अभियान वास्तव में सफल हो सकेगा।