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भीड़ ​हिंसा पर जानिए क्या कहा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने

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भीड़ ​हिंसा पर जानिए क्या कहा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने
न्यूज डेस्क । देश भर में विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है। विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से पथ संचलन का आयोजन किया जा रहा है। आरएसएस की शाखाएं पथ ​संचलन कर रही हैं। इस अवसर पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत सरकार है, जिसने कई साहसिक फैसले लिए हैं। अनुच्छेद 370 को खत्म करने के सरकार के फैसले का उन्होंने स्वागत किया।
भीड़ हिंसा को लेकर संघ प्रमुख ने कहा कि कानून और व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है। यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है, न ही हमारे संविधान में यह बैठती है। कितना भी मतभेद हो, कानून और संविधान की मर्यादा के अंदर ही न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा। उन्होंने भीड़ हिंसा पर आगे बोलते हुए कहा कि भीड़ हिंसा के रूप में सामाजिक हिंसा की कुछ घटनाओं की ब्रांडिंग वास्तव में हमारे देश, हिंदू समाज को बदनाम करने और कुछ समुदायों के बीच डर पैदा करने के लिए होती है। लिंचिंग भारत के लिए पराया है और वास्तव में इसके संदर्भ कहीं और हैं।
उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद तथा सहयोग बढ़ाने के प्रयास में प्रयासरत होना चाहिए। समाज के सभी वर्गों का सद्भाव, समरसता व सहयोग तथा कानून संविधान की मर्यादा में ही अपने मतों की अभिव्यक्ति करनी चाहिए, यह आज की स्थिति में नितांत आवश्यक बात है। कहा कि कुछ बातों का निर्णय न्यायालय से ही होना पड़ता है। निर्णय कुछ भी हो आपस के सद्भाव को किसी भी बात से ठेस ना पहुंचे ऐसी वाणी और कृति सभी जिम्मेदार नागरिकों की होनी चाहिए। यह जिम्मेवारी किसी एक समूह की नहीं है ।यह सभी की जिम्मेवारी है। सभी ने उसका पालन करना चाहिए।

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