दमोह जिले के पथरिया रेलवे स्टेशन पर देर शाम 4 स्कूली छात्र अपने बैग लिए रोते हुए पाए गए स्थानीय युवक द्वारा इसकी सूचना रेलवे पुलिस को दी गई जहां इन बच्चों ने बताया की कुछ बाबाओं ने उन्हें प्रसाद खिला कर बेहोश किया और पथरिया लाकर छोड़ गए, जब दमोह में इन बच्चों से पुलिस ने पूछताछ की पूरी कहानी मनगढ़ंत निकली। सागर जिले के खुरई नगर से चार बच्चे महेंद्र सिंह, समीर, संजय एवं पवन सुबह लापता हो गए परिजनों ने उन्हें जगह जगह तलाशा लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला, देर शाम दमोह जिले के पथरिया रेलवे स्टेशन पर स्थानीय युवक गोलू पटेल को यह बच्चे रोते हुए मिले उसने इसकी सूचना रेलवे पुलिस को दी जिसके बाद पथरिया रेलवे पुलिस द्वारा बच्चों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि जब वो एक्स्ट्रा क्लास की कोचिंग करने जा रहे थे तो पांच बाबाओं ने उन्हें नारियल के रूप में प्रसाद दिया और इसके बाद उन्हें होश ही नहीं रहा।
रेलवे पुलिस ने एक बच्चे से मिले मोबाइल नंबर पर जब संपर्क साधा तो वह उसके परिजन का निकला और उसे घटना की पूरी जानकारी दी इसके बाद चारों बच्चों के परिजन राज्यरानी एक्सप्रेस से पहले पथरिया और उसके बाद दमोह पहुंचे जहां रेलवे पुलिस ने बच्चों को उनके सुपुर्द किया। पुलिस ने जब बच्चों से पूछताछ की तो उन्होंने सब कुछ साफ-साफ बता दिया बच्चों का कहना था उन्होंने मिलकर एक कहानी बनाई और खुरई से पथरिया घूमने के लिए निकले लेकिन जब वो पथरिया पहुंचे तो घबरा गए और रोने लगे इसके बाद उन्होंने मनगढ़ंत कहानी बनाकर रेलवे पुलिस को बता दी।
फिलहाल बच्चों के परिजन उन्हें अपने साथ सुपुर्दनामें पर घर ले गए हैं लेकिन एक यक्ष प्रश्न सबके सामने खड़ा हो गया है की टेलीविजन एवं मोबाइल से बच्चे कुछ भी सीख लेते हैं और इस तरह की हरकत कर खुद को व अपने घरवालों सहित सभी को परेशान कर देते हैं।