बदायूँ की बड़े सरकार और छोटे सरकार की दरगाह पर रूहानी ईलाज के नाम पर मानसिक रोगियों पर जंजीरों से बांधकर रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना उन लोगो की गरिमा के खिलाफ है इसको लेकर शासन का आदेश मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी बड़े सरकार की दरगाह पर पहुचे और दरगाह के पीरजादा से वार्ता कर जंजीरों से बंधे मानसिक रोगियों को जंजीरों से मुक्त कराया और उनके परिजनों के सुपुर्द किया.
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका का सुनवाई करते हुए कहा है कि रूहानी ताकतों के खिलाफ इलाज करते हुए लोगो को जंजीर में बांध जाना गलत है. उनकी भी एक गरिमा और इज़्ज़त होती है इसलिए ऐसा करना गलत है कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा मामले में अगली सुनबाई सोमवार को होगी इसको लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई. जिसमे एसपी देहात भी अपनी टीमो के साथ दरगाह पर पहुचे जहां पहुच कर उन्होंने दरगाह के पीरजादा से मुलाकात की और जंजीरों में बांध कर रखे गए 17 कथित मानसिक रोगियों को बंधन मुक्त कराया और उनके परिजनों के हवाले किया.
बही पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है आगे भी इस तरह का कोई कार्य न हो इसके लिए भी दरगाह के लोगो से बात कर ऐतिहात बरताजाएगा.
अभदेश मिश्रा बदायूं