कांग्रेस के कद्दावर नेता सज्जन कुमार ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उन्हें ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी।
उन्होंने पत्र में लिखा की सदस्यता से तत्काल इस्तीफा देता हूं। इससे पहले सज्जन कुमार जब सजा सुनाए जाने के बाद पहली बार सामने आए तो मीडिया के सवालों से बचते दिखे। सज्जन कुमार दिल्ली में कांग्रेस के एक मात्र ऐसे नेता माने जाते है जिनका रुतबा है और भीड़ जुटाने में सक्षम है। उनको सजा होने के बाद पूरी कांग्रेस ने चुप्पी साध ली है। नवंबर 84 दंगों के बाद से ही पूर्व सांसद सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर व दिवंगत एचकेएल भगतका नाम आरोपियों के तौर पर प्रमुखता से लिया जाता रहा है।
सज्जन कुमार का रुतबा इतना रहा है कि जब सीबीआई उन्हें गिरफ्तारकरने मादीपुर स्थित उनके घर गई थी तो जमकर हंगामा हुआ था और उसके बाद से कभी भी सीबीआई या पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
बीजेपी इस फैसले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी ने लगे हाथ एमपी के नवनियुक्त सीएम कमलनाथ पर भी सिख दंगे में शामिल होने का आरोप लगा उनसे इस्तीफा मांग रही है। सिख समुदाय कमलनाथ को हिंसा का दोषी मानता है। वहीं संबित पात्रा ने कहा कियह आदेश सज्जन कुमार के खिलाफ नहीं बल्कि कांग्रेस के खिलाफ है।