यूपी के रामपुर में , पुलिस और प्रशासन ने पटवाई में बड़ी कार्रवाई की है अफसरों ने पटवाई में कोयले की जलती हुई 35 भट्टी को तुड़वा दिया। भट्टी टूटते ही उससे आग भड़ने लगी ,आसपास की लकड़ी में भी आग लग गई, जिसे बुझाने के प्रयास में कई लोग झुलस गए। कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीँ कोयले की भट्टी संचालको ने वन विभाग और पुलिस पर वसूली करने का बड़ा आरोप लगाया है साथ ही पकड़े गए संचालको को पटवाई पुलिस ने हज़ारो रुपये लेकर छोड दिया है। अब इस मामले में संचालको ने डीएम का गहराव करने साथ साथ नुकसान के मुआवजे की मांग की है।
थाना पटवाई क्षेत्र के नदनऊ गांव में लकड़ी से कोयला बनाने का काम होता है। इसके लिए लकड़ी व्यापारियों ने भट्टी बना रखी हैं। वन विभाग से इसके लिए लाईसेंस जारी किया जाता है, लेकिन इस बार वन विभाग लाईसेंस का नवीनीकरण नहीं कर सका है। अधिकारी बिना लाईसेंस भट्टी चलाने को मना कर रहे थे। कई बार पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे।, फिर एसडीएम शाहबाद और तहसीलदार शाहबाद भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। अफसरों की मौजूदगी में पुलिस ने कोयले की दहकती हुई भट्टियों को तोड़ना शुरू कर दिया। पुलिस कर्मियों ने फाबड़ा, कुदाल और सब्बल से एक के बाद एक भट्टी तोड़ी, जिससे आग बाहर निकलने लगी। इस पर कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें शांत कर दिया। भट्टियों के आसपास और लकड़ी भी पड़ी थी, जिसमें आग लग गई। लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने उन्हें पास नहीं आने दिया। आग बुझाने के प्रयास में अनवार, शंकर, नैपाल आदि झुलस गए। इससे लकड़ी कारोबारियों को करीब 15 लाख का नुकसान हुआ है। मौके पर भारी भीड़ जाम हो गई और अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
वहीं भट्टियों के आसपास कुछ लोगों के घर भी थे जब भट्टी तोड़ी गईं तो उनसे आग की लपटें उठने लगीं। आसपास जमीन पर पड़ी लकड़ी ने भी आग पकड़ ली। इससे कई घर आग की चपेट में आते-आते बचे। लोगों ने घरों को बचाने का प्रयास किया। इस दौरान हड़कंच मच गया और अफरा-तफरी का माहौल रहा, बाद में फायर बिग्रेड को घटना की जानकारी दी गई। इस पर रामपुर से दमकल पहुंची, जिसने आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। काफी देर के प्रयास के बाद आग पर काबू पाया जा सका वहीँ लकड़ी कारोबारियों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन ने मनमानी की है। सभी के पास लाईसेंस है, जिसे रिनवुल कराने के लिए वन विभाग को आवेदन किया गया है, लेकिन वन विभाग ने समय रहते रिनुवल नहीं किया।
अभिषेक शर्मा
रामपुर