मेरठ पहुंचे शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद का बड़ा बयान, कल्बे जव्वाद ने कहा कि जनता को ना तो मंदिर की जरूरत है और ना मस्जिद की है। लाखो लाखो मंदिर पड़े हैं और मस्जिदें भी वहां जाकर नमाज और पूजा कर सकते हैं। ये सिर्फ मुद्दों से भटकाने की कोशिश चल रही है जिसको लेकर खुद पीएम मोदी भी कह चुके हैं कि जो कुछ भी होगा वह कानून के हिसाब से होगा और इसमें योगी जी का भी यही बयान आया था। जितने भी बीजेपी के खिलाफ दल है यह उनकी साजिश है।
वही राम मंदिर को लेकर कल्बे जव्वाद का कहना है कि अगर राम मंदिर का मुद्दा आपसी सहमति से हल होता है तो बहुत अच्छी बात है नहीं तो फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही दोनों पक्षों को मानना पड़ेगा। साथ ही कल्बे जवाद ने कहा अगर राम मंदिर वहां होने की हंड्रेड परसेंट सबूत मिलते हैं तो मुस्लिम लोगों को इसका विरोध नहीं करना चाहिए। जबकि अभी तक राम मंदिर होने के कोई भी स्पष्टीकरण नहीं मिला है , तो यह कहना गलत होगा कि वहां पर राम मंदिर था।
इतना ही नहीं यूपी सरकार और पुलिस की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरीके से अयोध्या में और बुलंदशहर में इतनी भीड़ इकट्ठा हुई थी उसको संभालने में यूपी की योगी सरकार और पुलिस ने बहुत ही अच्छा काम किया और सही तरीके से उसको निभाया भी जिसमें इंस्पेक्टर की मौत भी हुई। बुलंदशहर हिंसा को इस्पेक्टर ने अपनी जान देकर आगे बढ़ने नहीं दिया।
साथ ही बुलंदशहर हिंसा पर बोलते हुए कल्बे जव्वाद ने कहा कि जिस तरीके से मुंबई के अंदर बम ब्लास्ट की जांच कर रहे हेमंत करकरे की हत्या कर दी गई थी उसी तरह अखलाक की हत्या की जांच कर रहे इस्पेक्टर को बुलंदशहर में टारगेट कर मार दिया गया है। यह उन्हीं लोगों की साजिश है जिन्होंने अखलाक की हत्या की थी।
वहीं जब वसीम रिजवी को लेकर कल्बे जव्वाद से सवाल किया गया तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं वसीम रिजवी के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता क्योंकि ना वह कोई पॉलिटिकल लीडर है और ना ही मैं इस्लामिक लीडर हूँ, वह सिर्फ गवर्नमेंट का एक नौकर है और नौकरी ही करे । साथ ही कल्बे जव्वाद ने बताया कि किस तरीके से वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति वसीम रिजवी ने हड़प रखी है, उसको लेकर एक बड़ा आंदोलन जल्द ही किया जाएगा। साथ ही उसने धर्म को लेकर जिस तरीके से उल्टी-सीधी बातें कही हैं उसको लेकर वसीम रिजवी को धर्म से निकाल दिया गया है, और उस जैसे 300 चेयरमैन यूपी के अंदर है उसका कोई वजूद नहीं है।
प्रदीप शर्मा
मेरठ