बीती 27 तारीख को मेरठ में हुए एनकाउंटर अब मृतक के परिजनों का आंदोलन तेज हो गया है। मृतक के परिजनों ने सामाजिक संस्था और एक पार्टी के साथ मिलकर डीएम ऑफिस पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है प्रदर्शनकारियों की मांग है। की एनकाउंटर की जांच कराई जाए और मृतक के परिवार को ₹2000000 की आर्थिक मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए मांगना मैंने जाने पर प्रदर्शनकारियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
आपको बता दें बीती 27 तारीख को सरधना पुलिस ने सरूरपुर इलाके में जाकर एक एनकाउंटर किया था।मरने वाले व्यक्ति का नाम इरशाद था वह मुजफ्फरनगर जिले के थाना रतनपुरी क्षेत्र के गांव नंगला का रहने वाला था। एनकाउंटर के बाद से ही परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने के आरोप लगाने शुरू कर दिए थे ।परिवार वालों की माने तो मृतक इरशाद के ऊपर कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं था साथ ही उसके किसी भी परिवार के सदस्य पर भी किसी प्रकार का कोई मुकदमा दर्ज नहीं था ऐसे में पुलिस ने एनकाउंटर में इरशाद को मार गिराया जिस पर परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया परिवार और ने कहा कि अगर इरशाद पशु तस्करी में शामिल भी था तो उसके लिए कानून है सिस्टम है न्यायपालिका है संविधान है इन सब को ताक पर रखकर आखिर पुलिस ने कैसे उसके सर में गोली उतार दी। उसको पकड़ा जाता मुकदमा चलाया जाता दोषी पाए जाने पर जेल भी भेजा जा सकता था लेकिन ऐसा ना करके पुलिस ने ऑन स्पॉट फैसला कर दिया और रात को मौत के घाट उतार दिया ।जिसके बाद ना केवल इसमें राजनीति शुरू हुई है बल्कि अब परिजनों ने एक पार्टी और एक समाज संस्था के साथ मिलकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सभी लोग डीएम ऑफिस में बने धर्मस्थल पर बैठ गए हैं उन्होंने मांग की है इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जांच में दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए साथ ही मृतक के परिवार को ₹2000000 की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। ऐसा ना करने पर प्रदर्शनकारियों ने लखनऊ तक पदयात्रा करने की चेतावनी दी है और भविष्य में आंदोलन को और तेज करने की भी पुलिस को चेतावनी दी है उधर मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों का ज्ञापन लेकर शासन को भेजने की बात कही है लेकिन अब देखना होगा एनकाउंटर के इस आंदोलन के बाद क्या कुछ निकल कर आता है।
प्रदीप शर्मा
मेरठ