जौनपुर जिले के केराकत तहसील के अमिहित में गांव स्थित अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साफ सफाई और डॉक्टर की अनुपस्थिति के मामले में बदहाली का शिकार बना हुआ है ।जिससे क्षेत्र की जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है।
अस्पताल की दशा यह है कि यहां पर नियुक्त डॉक्टर कभी आते ही नही ।और जो भी मरीज यहां दिखाने जाते है उन्हें फार्मासिस्ट ही देखते है और वही दवा भी देते है क्या इसके लिये स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार नही है कि मरीजो की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है स्वास्थ्य विभाग किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। अस्पताल परिसर के अंदर उगी घास फूस को देखने से पता चलता है कि यहां पर साफ-सफाई का दूर दूर तक कोई सरोकार नहीं है।जहाँ एक तरफ इस सरकारी अस्पताल में लोग अपनी बीमारी को ठीक होने के लिए दवा के लिए आते है वही इस अस्पताल में डॉक्टर की गैर मौजूदगी और इस अस्पताल में उगी घास फूस ,गंदगी से होने वाली बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है।जहां एक तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर रही है और स्वच्छता के लिए लोगों को जागरुक कर रही है और स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत ,और सुंदर भारत बनाने का मिशन चला रही है ।लेकिन इस अस्पताल के परिसर को देखने से यह पता चलता है कि यहां के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीरियो पर इसका कोई असर दिखता नही पड़ रहा है ।
इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विशाल सिंह यादव से डॉक्टर की गैर मौजूदगी और अस्पताल परिसर में फैली हुई गदंगी के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि इस अस्पताल के डॉक्टर संजय सिंह अगस्त से ही नही आ रहे है और प्रदेश भर में डॉक्टरों की कमी के चलते इस अस्पताल में डॉक्टर नही है और जहाँ तक प्रश्न अस्पताल परिसर में उगी घासपूस का है तो उसे दो महीने पहले साफ करवाये थे।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस के पांडेय ने बताया कि वहां पर चार डॉक्टर तैनात है खुद विशाल सिंह यहां पर ओपीडी देखते हैं हो सकता है जिस समय मरीज आया हो डॉक्टर नही रहे होंगे अपने आवास पर गए हो फार्मासिस्ट को डॉक्टर को बुलाकर मरीज को डॉक्टर को दिखाना चाहिए था अगर फार्मसिस्ट ने दावा दिया तो गलत है । फिर भी अगर डॉक्टर नहीं थे तो इसको मैं जांच कराता हूं।
अभिषेक पांडेय जौनपुर
हिंद न्यूज टीवी