2019 लोकसभा चुनाव आने वाले है और तमाम राजनैतिक पार्टियां अपने आप को मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इन सब में विपक्षी दल सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और मोदी को हराने के लिए हर दांओंपैंतरा आजमानें के तैयार है। वह बिल्कुल भी नही चाहेंगे कि बीजेपी सरकार दोबारा सत्ता में लौटकर आए। कल राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में बसपा सुप्रीमों मायावती के अलग होकर चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि मायावती अगर अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहती है तो वह स्वतंत्र है। मगर ये जरूरी नही कि मायावती के गठबंधन में ना होने से कांग्रेस पार्टी पर कोई प्रभाव पड़ेगा। मायावती रहे या ना रहे पर मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ में कांग्रेस पार्टी ही अपनी जीत दर्ज करेंगी। हालांकि राहुल गांधी ने मायावती के 2019 आम चुनाव में साथ होनें की उम्मीद जताई है। राहुल गांधी ने पीएम बनने की संभावनाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर भी कहा कि यदि मेरे सहयोगी दल इस बात पर सहमत होंगे तो मैं आवश्यक ही देश का अगला प्रधानमंत्री बनूंगा।
एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि मैं मानता हूं कि बीएसपी के मध्यप्रदेश में गठबंधन न करने से हमें बहुत फर्क पडेगा। अगले साल पार्टी के सत्ता में आने पर पीएम के सवाल को लेकर राहुल ने कहा, ‘विपक्षी पार्टियों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले बीजेपी को हराने का फैसला लिया है और उसके बाद पीएम को लेकर निर्णय लिया जाएगा।’ यह पूछे जाने पर कि यदि सहयोगी दल उन्हें पीएम देखना चाहें तो? राहुल ने कहा, ‘यदि वे चाहते हैं तो निश्चित तौर पर।’
बता दें कि बीएसपी चीफ मायावती ने बुधवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान कर दिया था कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी किसी भी कीमत पर कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बीजेपी के खिलाफ 2019 में महागठबंधन बनाने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस को उनके इस ऐलान से करारा झटका लगा है।