उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए एप्पल के इंजीनियर विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप पर कार्रवाई के खिलाफ यूपी पुलिस लामबंद होती नजर आ रही है। पुलिसकर्मी विवेक हत्याकांड में एकतरफा कार्रवाई और अन्य विभिन्न मांगों को लेकर लामबंद होते नजर आ रहे हैं। यूपी राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद की ओर से व्हाट्सएप पर ऐसे मैसेज भेजे जा रहे हैं जिसमें पुलिसकर्मी से सामूहिक अवकाश पर जाने की बात कही जा रही हैं।
यूपी राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद ने 6 अक्टूबर को इलाहाबाद में एक मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई, अवकाश की समस्या, आत्महत्या और हत्या के विरोध से जुड़ी बातों पर चर्चा होगी। एक अन्य संगठन अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन यूपी ने 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है।
दरअसल, विवेक हत्याकांड में एकतरफा कार्रवाई को लेकर गुस्से में हैं। इस मामले में जब हमने पुलिसकर्मी से बात की तो उन्होंने हमें बताया कि रात में जो गश्त होता है, उसमें अधिकारी मुआयना करते हैं और लिखित में दर्ज होता है कि सिपाही काम कर रहा है। इसमें सभी लोगों की जिम्मेदारी थी, लेकिन सिर्फ सिपाहियों पर ही कार्रवाई क्यों? गोली मार दी सिर्फ इस पर कार्रवाई हो रही है। गोली क्यों मारी इस पर जांच क्यों नहीं हो रही है? जिसकी भी मौत हुई वह गलत है। लेकिन आखिर गोली उसने क्यों मारी? ऐसी क्या परिस्थिति पैदा हुई जो गोली चलानी पड़ी।
गौरतलब है कि विवेक तिवारी हत्याकांड को लेकर आरोपी सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई को लेकर यूपी पुलिस के सिपाहियों में ख़ासा आक्रोश है। यही वजह है कि बर्खास्तगी के बाद से ही व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर मुहिम छिड़ी हुई है।