अलीगढ़ : अखिल भारतीय हिन्दू महासभा द्वारा स्थापित हिन्दू कोर्ट यानि हिन्दू न्याय पीठ के संविधान का आज हिन्दू महासभा व् हिन्दू न्यायपीठ के मुख्य कार्यालय आजाद भवन में महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे व् राष्ट्रिय प्रवक्ता अशोक पांडे ने लांच किया। इस हिन्दू कोर्ट के संविधान का नाम हिन्दू न्याय विधान रखा गया है। इस हिन्दू न्यायपीठ की मुख्य न्यायधीश डॉ पूजा शकुन पांडे ही हैं और पंद्रह नवम्बर से ये हिन्दू न्यायपीठ काम करना शुरू कर देंगी। जल्द ही पूरे देश भर में इसकी शाखाये खोली जाएंगी। अभी हिन्दू न्याय विधान के सत्रह चैप्टर को लांच किया गया है। तीस जनवरी तक इस हिन्दू न्याय विधान का सात सौ से आठ सौ पेज का पूर्ण संविधान आ जाएगा।
हिन्दू न्यायपीठ की मुख्य न्यायधीश डॉ पूजा शकुन पांडे ने बताया कि जैसा पहले से हमने बताया हुआ था कि दो अक्टूबर को हम हिन्दू न्यायपीठ के संविधान को लांच करेंगे,आज हमने संविधान की लॉन्चिंग कर दी है ताकि लोगों में जो संविधान को लेकर उत्सुकता थी वो शांत हो जायेगी। इसमें हमने सत्रह अध्याय को लिया है ,यानी सत्रह तरह की समस्याओं को हम सुनेंगे। हमारे न्यायपीठाधीश्वर इसी के अनुसार न्याय करेंगे। हमने हिन्दू न्याय विधान को हिन्दू धर्म ग्रंथों से बनाया है। सनातन धर्म परम्परा से हम न्याय करेंगे। इसके तहत हम केवल सिविल केस को देखेंगे। हमारे यहाँ भारतवर्ष के संविधान की तरह दंड का प्रावधान नहीं है। संविधान को हमने तीन भाषाओं हिंदी,संस्कृत और अंग्रेजी में बनाया है। हमने कौन सी चीज किस ग्रन्थ से ली है वो सभी ग्रंथों का उल्लेख दिया गया है। प्रमुख रूप से जो ग्रन्थ में से हमने सार लिया है उसमे मनु स्मृति, वीर मित्रोदय, स्मृति चन्द्रिका ,दत्तक मीमांसा ,दत्तक चन्द्रिका ,दंड विवेक ,विवाद रत्नाकर इत्यादि कई ग्रन्थ हैं। हमारे हिन्दू न्यायपीठ के भवन का नाम श्री राम भवन होगा।
दो अक्टूबर गांधी जयंती पर ही संविधान की लॉन्चिंग को लेकर पूजा शकुन ने कहा कि हम लोग गांधी विरोधी हैं। आज भारत जो भी संघर्ष कर रहा है उसकी एक जड़ गांधी ही हैं। जो सम्मान गांधी को दिया जा रहा है वो उस लाइक नहीं है। गांधी ने ही देश में भाई से भाई को लड़वाया, देश के टुकड़े कर दिए। वो संत कहलाने लायक नहीं है। उनमे और आशाराम बापू में क्या फर्क है।
भारत के संविधान से हमारे हिन्दु न्यायविधान की तुलना नहीं हो सकती। वो किन परिस्थतियों में बना वो बिलकुल अलग थी। भगवन राम जिस तरह से इन ग्रंथों को लेकर न्याय करते थे हम उसी तरह से न्याय करेंगे। हम भारत के संविधान को भी मानते हैं। और संविधान के दिए अधिकार के अनुसार ही हम ये काम कर रहे हैं।
जिला-अलीगढ़