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मुरादनगर पहुंची किसान क्रांति यात्रा , 2 अक्टूबर को है संसद घेरने की तैयारी

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भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान क्रांति यात्रा 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचने वाली है। हरिद्वार से चली इस यात्रा में महज 3 हजार किसान थे लेकिन काफिला बढ़ता गया और लोग जुड़ते गए। किसान क्रांति यात्रा अभी मुरादनगर पहुंची है और सोमवार तक इस यात्रा के गाजियाबाद पहुंचने की खबर है। अपनी विभिन्न मांगो कोे लेकर किसान 2 अक्टूबर  को दिल्ली पहुंचकर संसद को घेरने की तैयारी में हैं।

कर्जमाफी, बिजली के दाम घटाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, गन्ने का भुगतान करने समेत 9 मांगो को लेकर किसान क्रांति यात्रा 23 सितंबर से हरिद्वार से चली थी। वहीं किसानों की इस पदयात्रा को कई पार्टियों का समर्थन भी प्राप्त है।

किसानों की यह है मांगे

  •  राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा दिल्ली एनसीआर में दस वर्ष से पुराने डीजल वाहनों पर रोक से किसानों को मुक्त किया जाए।
  •  चीनी मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान ब्याज सहित दिलाया जाए। सिंचाई के लिए नलकूप को बिजली निशुल्क दी जाए।
  •  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव हो, ताकि प्रत्येक किसान को इकाई मानकर सभी फसलों में स्वैच्छिक रूप से लागू किया जाए।
  • किसानों की न्यूनतम आमदनी सुनिश्चित हो। लघु एवं सीमांत किसानों को 60 वर्ष से अधिक आयु में 5000 मासिक पेंशन मिले।
  • किसानों के सभी तरह के कर्ज एक ही समय सीमा में माफ किए जाएं, क्योंकि किसानों पर 80 प्रतिशत कर्ज राष्ट्रीयकृत बैंकों के हैं।
  • मनरेगा को खेती से लिंक करें। खेती में प्रयुक्त वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त किया जाए, तथा कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करें।
  • समस्याओं को लेकर संसद में संयुक्त अधिवेशन बुलाया जाए। एक माह तक की समीक्षा के बाद किसान हक में समाधान निर्णय किया जाए।
  • डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए, ताकि किसानों को फल, सब्जी, दूध और फसलों का उचित एवं लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके।
  • देश में प्रयाप्त मात्रा में उत्पादित फसलों का आयात बंद किया जाए। एशियन मुक्त व्यापार समझौते की आड़ में ऐसे देशों का निर्यात बंद हो, जो उत्पादक नहीं हैं।
  • बीते दस वर्षों में देश के तीन लाख किसानों ने आत्महत्या की है। पीड़ित किसानों के परिवार का पुनर्वास हो, साथ ही एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले

 

 

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