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यूपी के बस्ती मे खून के सरकारी सौदागर 

यूपी के बस्ती मे खून के सरकारी सौदागर 

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यूपी के बस्ती मे खून बेचने वाले गिरोह के पीछे छिपे किरदार का नाम सामने आ गया है, डीएम की जांच रिपोर्ट मे खून की खरीद फरोख्त करने वाले ऐसे सरकारी कर्मचारी मिले हुये थे जिनका नाम सुनकर जिला प्रशासन का भी सिर चकरा गयी है, छोटे बच्चो के खून का सौदा करने वाले सौदागरो का खुलासा हो गया है, जिससे जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का लैब टेक्निशियन सुशील सिंह, कैली अस्पताल के ब्लड बैंक का इंचार्ज शामिल है, और ये सभी मिलकर गरीब बच्चो के शरीर के खून का 500 रुपये मे सौदा करते थे, ब्लड निकालने के बाद बस्ती हाईवे पर स्थित पटेल हास्पिटल मे सप्लाई किया करते थे, एलटी सुशील पर आरोप है कि वह खून रखने के लिये सरकार से मिले बैग को ब्लैक मे गिरोह को बेच दिया करता था, जब कि कैली के ब्लड बैंक का एक कर्मचारी भी उसमे शामिल था, डीएम ने जांच करने के बाद सीएमओ को सभी दोषी कर्मचारियो के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये पत्र लिखा है मगर अभी तक किसी भी कर्मी के खिलाफ एक्सन नही हुआ है,
एक माह पूर्व बस्ती के एक गांव मे खून का सौदा करने वाले दो सौदागर गिरफ्तार किये गये थे, जिन पर आरोप था कि वे गरीब बच्चो को पैसा और काम का लालच देकर बहला फुसलाकर ले जाते और नशीला पदार्थ खिलाकर खून निकाल लिया करते थे और होश मे आने पर पांच सौ रुपये देकर भेज देते, एक ही गांव के दर्जनो बच्चो के साथ हुई इस सनसनीखेज वारदात को बाद मामला पुलिस के पास पहुंच गया और गिरोह के दो सदस्य आकाश और डाक्टर प्रभाकर गिरफ्तार कर लिये गये, दोनो से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि वे लोग बच्चो के शरीर से खून निकालने का गोरखधंधा काफी दिनो से चला रहे हैं, पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के रेहरवा गांव के कई बच्चो ने आपबीती सुनाते हुये बताया कि नेपाल का रहने वाला एक नाबालिग युवक आकाश उन्हे बहला फुसलाकर ले जाता था और प्रभाकर उनका खून निकालने का काम करता, उनसे कहा जाता था कि मजदूरी का काम करना है जिसके अच्छे पैसे मिलेंगे, गरीबी झेल रहे बच्चे उसकी बातो मे आकर आकाश के साथ चले जाते फिर कुछ दूर पहुंचने पर उन्हे पानी मे मिलाकर कुछ नशीला पदार्थ पिला दिया जाता जिससे वे लोग बेहोश हो जाते थे, जब उन्हे होश आता तो शरीर मे काफी कमजोरी महसूस होती थी तब उन्हे पता चलता कि उनके शरीर से खून निकाला गया है, डाक्टर प्रभाकर उन्हे 500 रुपये देकर टेम्पो से घर जाने को भेज देता, काफी सालो से यह खून चुसवा गिरोह सक्रिय था और रेहरवा गांव ही नही पुरे जनपद मे ये लोग अपना गोरखधंधा चला रहे थे, पुलिसिया पूछताछ मे पता चला है कि खून का कारोबार करने वाले गिरोह के ये दोनो सदस्य शहर के अलग अलग ब्लड बैंको में खून की चार गुना दामो पर सप्लाई करते थे, बहरहाल पुलिस अब गिरोह के अन्य किरदारो की तलाश मे जुट गई है, खून का धंधा करने वाले आकाश और प्रभाकर की नेटवर्क औ कहां तर फैला है यह भी जांच की जा रही है, डीएम ने बताया कि उनके द्वारा मामले की जांच कराई गई जिसमे दो सरकारी स्वास्थ्य कर्मी की मिली भगत पाई गई है और उनके खिलाफ कार्यवाही के लिये पत्र लिखा गया है, खून निकालकर बेचने वाले दो सौदागर पकडे गये थे जिन्हे जेल भेज दिया गया था..
रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती -यूपी

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