नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूएसयू) के चुनावों में कथित खराबी के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का बचाव किया और कहा कि विश्वविद्यालय चुनावों में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें थीं चुनावों में इस्तेमाल किए गए एक से बिल्कुल अलग हैं।
ईवीएम को फुलप्रूफ बताते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि इसकी विस्वसनीयता पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता है। इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। आयोग ने यह भी कहा कि वह स्थानीय चुनाव चुनावों (नगर पालिकाओं, पंचायत इत्यादि) के संचालन के लिए ज़िम्मेदार नहीं है, जो राज्य चुनाव आयोगों और चुनावों द्वारा आयोजित की जाती है।
आयोग केवल एक ही पोस्ट-ईवीएम का उपयोग करता है (यानी वोट केवल एक पद के लिए डाला जा सकता है)। डीयूएसयू के चुनावों में यह कहा जाता है कि बहु-पोस्ट ईवीएम जो तकनीकी रूप से ईसीआई के एकल पद ईवीएम से अलग हैं, उसका उपयोग किया गया है।
बैलट यूनिट और कंट्रोल यूनिट का कनेक्टर इस तरह से होना चाहिए कि निर्माताओं द्वारा ईसीआई और एसईसी को आपूर्ति किए गए किसी भी ईवीएम में इसका कभी भी उपयोग नहीं किया जा सके। आयोग के पूर्व अनुमति के बिना अन्य संगठनों को कोई ईवीएम नहीं दिया जाना चाहिए।
आयोग ने आगे कहा कि किसी भी समय, ईसीआई और राज्य चुनाव आयोगों को ईवीएम की आपूर्ति अन्य संगठनों को ईवीएम के उत्पादन में बाधा नहीं डालनी चाहिए।