मोदी सरकार ने आधार को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है और वो आगे भी करना चाहती है। वहीं दूसरी तरफ आधार की सुरक्षा पर लगातार बहस भी चलती रही है और सरकार ने हमेशा से अपना रूख साफ रखते हुए कहा है कि आधार का डेटा सुरक्षित है। लेकिन इसी बहस के बीच हफिंगटनपोस्ट डॉट इन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आधार कार्ड का सॉफ्टवेयर हैक किया जा चुका है और भारत के करीब एक अरब लोगों की निजी जानकारी दांव पर लगी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार कार्ड के सॉफ्टवेयर एक लूपहोल (गड़बड़ी) है जिसकी मदद से एक सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति किसी के भी नाम से वास्तविक आधार कार्ड बना सकता है।
हफिंगटनपोस्ट डॉट इन की रिपोर्ट की माने तो आधार कार्ड का जो सॉफ्टवेयर है उसमें एक बड़ा लूपहोल है और अगर कोई व्यक्ति 2500 रूपये खर्च करता है तो वो एक ऐसा सॉफ्टवेयर पा सकता है जिसके इस्तेमाल से वो किसी भी व्यक्ति का नया आधार तैयार कर सकता है। हफिंगटनपोस्ट डॉट इन की माने तो 5 एक्सपर्ट की मदद से करीब तीन महीने की जांच के बाद इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है। वहीं रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अभी भी इस सॉफ्टवेयर का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। और इस सॉफ्टवेयर को व्हाट्सएप पर बेचा जा रहा है। साथ ही यूट्यूब पर भी कई वीडियो मौजूद हैं जिनमें एक कोड के जरिए किसी के भी आधार कार्ड से छेड़छाड़ हो सकती है और नया आधार कार्ड बनाया जा सकता है।
हफिंगटनपोस्ट डॉट इन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब यूआईडीएआई ने टेलीकॉम कंपनियों और अन्य प्राइवेट कंपनियों को आधार का एक्सेस दिया था उसी दौरान यह सुरक्षा खामी सामने आई और अब दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति इसका गलत फायदा उठा सकता है। हालांकि इस मामले पर यूआईडीएआई ने कोई बयान नहीं दिया है।