नई दिल्ली। केंद्रीय न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री रामदास आठवले ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (आरपीआई) सूचना और प्रसारण निर्देश मंत्रालय द्वारा मीडिया को ‘दलित’ शब्द का प्रयोग करने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
मीडिया को संबोधित करते हुए आरपीआई प्रमुख ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी की ओर से, हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और बॉम्बे हाईकोर्ट के ‘दलित’ शब्द के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देंगे, क्योंकि यह आक्रामक नहीं है। इसके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना गलत है।
हम अदालत का सम्मान करते हैं, यहां तक कि हमारे मंत्रालय ने आधिकारिक दस्तावेजों में ‘दलित’ के बजाय ‘अनुसूचित जाति’ शब्द का प्रयोग करने का निर्देश जारी किया है, लेकिन मीडिया को इस शब्द का प्रयोग करने से रोकने का अधिकार किसी को नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘दलित’ समुदाय को ‘हरिजन’ शब्द के साथ आपत्तियां थीं, जिसे महात्मा गांधी ने बनाया था, लेकिन शब्द पर प्रतिबंध नहीं था।
दलित समुदाय के साथ गलत तरीके से व्यवहार किया जा रहा था और उसी समय से हरिजन कहा जाता था। महात्मा गांधीजी के इरादे महान थे लेकिन दलित समुदाय को उस शब्द को कहने में समस्याएं थीं। ‘दलित’ शब्द के साथ भी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। आठवले ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जाकर प्रतिबंध को चुनौती दी जाएगी।
आई एंड बी मंत्रालय ने हाल ही में मीडिया को सलाह दी थी कि अनुसूचित जातियों के सदस्यों का जिक्र करते हुए उन्हें ‘दलित’ शब्द का उपयोग बंद करने की सलाह दी जाए। जून में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंत्रालय से निर्देश जारी करने पर विचार करने के लिए मंत्रालय से कहा।