देहरादून। देहरादून का प्रेम नगर पुलिस स्टेशन एक अलग तरह का है। यह पुलिस स्टेशन नहीं बल्कि वंचित बच्चों के लिए एक स्कूल है, जिसकी वजह से यह असामान्य है।
सीखने का यह एक केंद्र है। यह केवल कुछ मुट्ठी भर बच्चों के साथ शुरू हुआ, लेकिन इस समय यह क्षेत्र की सफलता की कहानी बन गया है और अब 51 छात्रों के साथ दो पालियों में चलता है। यहां पर गैर-सरकारी संगठन के स्वयंसेवकों ने उन बच्चों को पढ़ाया जो निकटतम ‘नंदी की चौकी’ झोपड़ी से आते हैं। जहां पर वे अंग्रेजी, गणित और हिंदी समेत विभिन्न विषयों को सीखते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, एसएचओ मुकेश त्यागी ने कहा कि आसा ट्रस्ट के स्वयंसेवक स्कूल शुरू करने के लिए जगह तलाश रहे थे और मदद के लिए पुलिस से संपर्क कर रहे थे।
एनजीओ के स्वयंसेवकों ने बच्चों को सिखाने के लिए एक जगह मांगी, इसलिए हमने उन्हें यहां एक जगह दी। इससे हमें उनकी मदद करने और इन बच्चों को पढ़ने से संतुष्टि मिलती है। पुलिस को बच्चों की मदद करने से, स्थानीय लोगों ने भी अपना समर्थन दिया कुछ लोग परिवहन के लिए व्यवस्था करते हैं, जबकि कुछ लोग बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं।
पहल के बारे में बात करते हुए, स्कूल के एक शिक्षिका राखी ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य हर बच्चे को शिक्षा प्रदान करना है।
हमारे पास कुल 51 बच्चे हैं। उनमें से कुछ अपने गांव चले गए हैं। स्कूल दो पालियों में चलता है। हम चाहतें हैं कि यहां पर और अधिक बच्चे आयें और उन्हें कंप्यूटर भी प्रदान करें। जो काफी पहले से लड़कियां हमारे पास आ रही हैं। हम उनके लिए सिलाई कक्षाओं की योजना बना रहे हैं।
स्कूल के छात्र बहुत आशावादी हैं। जिनमें से कोई शिक्षक बनना चाहता है, तो कोई सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का सपना देखता है।