सोमवार को त्रिपुरा के सीएम विप्लब देव ने एक बयान दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि बतख बांटने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। उन्होंने आगे कहा कु मैंने घोषणा कि है कि 50 हजार देसी हंस आसपास के लोगों को दिए जाएंगे। साथ ही बिप्लब ने ये भी कहा कि नीरमहल लेक में जब 50 हजार सफेद बतख घुमेंगी तो कितनी सुंदर लगेंगी और इससे ऑक्सीजन भी रिसाइकल होती है।
वहीं बिप्लब देव के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनपर सवाल उठाए गए थे। वहीं इसके बाद एक सांइटिस्ट ने बिप्लब की इस बात पर मुहर लगाई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन के साइंटिस्ट ए देबबर्मा का कहना है कि बतख-मछली फार्मिंग एक इंटीग्रेटेड फार्मिंग है। बतख के मल-मूत्र से मछलियों को बढ़ने में मदद मिलती है।
उन्होंने ये भी कहा कि बतख नेचुरल एरटर होते हैं और ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करते हैं। स्टडी में ये बात साबित हुई है।