20 साल के भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने एशियाई खेलों के 9वें दिन इतिहास रचकर भारत को 8वां गोल्ड मेडल दिलाया। एशियाई खेलों के 9वें दिन उन्होंने 88.06 मीटर भाला फेंक कर इतिहास रच दिया। आपको बता दें की इससे पहले भारते को एशियाई खेलों में कभी भी स्वर्ण पदक हासिल नहीं हुआ था। दिल्ली में खेले गए पहले एशियाई खेलों (1951) में भारत के पारसा सिंह ने सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद 1982 के एशियाई खेलों (दिल्ली) में भारत के गुरतेज सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। आपको बता दें की नीरज चोपड़ा ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन तब उन्होंने 86.47 मीटर भाला फेंका था।
20 साल के नीरज चोपड़ा ने जकार्ता में सर्वश्रेष्ठ थ्रो 88.06 मीटर का फेंका और स्वर्ण पदक के अपने नाम कर लिया। नीरज ने यह सोने का तमगा छह में से दो प्रयासों में विफलता के बाद भी हासिल किया। इस मुकाबले में नीरज ने पूरे जोश और ताकत के साथ भाला फेंका और पहली बार में उन्होंने 83.46 मीटर दूर भाला फेंका था जबकि दूसरी बार में वो फाउल कर गए और तीसरे प्रयास में उन्होंने 88.06 मीटर दूर भाला फेंका, चौथी कोशिश में 83.25 मीटर, पांचवीं में 86.63 मीटर और उनका छठा प्रयास फाउल गया। रजत पदक जीतने वाले चीन के किझेन लियू 82.22 मीटर की थ्रो फेंक कर दूसरे स्थान पर, तो वहीं पाकिस्तान के नदीम अरशद ने 80.75 की सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंक कांस्य पदक हासिल किया।