नई दिल्ली। एक पुरानी कहावत है कि किसी की थाली गुम हो जाती है तो वह मिट्टी के घड़े में हाथ डालकर ढूढने की कोशिश करता है कि क्या पता किसी ने शरारतवश इसमें ही डाल दिया हो। इस समय कांग्रेस का हाल कुछ इसी तरह का हो गया है। आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती है। हो भी क्यों न? इसके पहले जहां पर विधानसभा चुनाव करवाये जा रहे थे या उपचुनाव हो रहे थे, उन जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी देखी जा रही थी। जिस पार्टी को वोट दिए जा रहे थे, उसको न जाकर सारे वोट भारतीय जनता पार्टी को जा रहे थे।
इससे इस बात का शक और गहरा होता गया कि भाजपा ईवीएम में गड़बड़ी करके चुनाव जीतती आ रही है। इसकी वजह से आगामी चुनावों में ऐसी कोई चूक न हो इसके लिए पहले से ही चिंतामुक्त होना चाहती है।
आगामी चुनावों में पूरी तरह से सुरक्षित वोटिंग के लिए कांग्रेस पार्टी ने निर्वाचन आयोग से 2019 के आम चुनावों को मतपत्र से करवाये जाने का अनुरोध किया।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने बाद में चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सभी पार्टी की बैठक से पहले अपील की।
इससे पहले मार्च में, कांग्रेस ने ईसी से कहा था कि वे मतदान करने वालों को 2019 के चुनावों में मतपत्रों को मुद्रित करने की अनुमति दें, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर छेड़छाड़ के आरोप लगते रहे हैं।
2 अगस्त को, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) समेत कम से कम 17 राजनीतिक दलों ने कांग्रेस के साथ तालमेल किया और मौजूदा मतदान प्रक्रिया पर अपना अविश्वास व्यक्त किया।
हालांकि, बीजेपी ने छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि विपक्षी दलों ने हाल ही में संपन्न चुनावों में अपनी हार को कवर करने का प्रयास किया है।