You are here
Home > slider > यूपी रोडवेज की बसों में बेचते थे फर्जी टिकट, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

यूपी रोडवेज की बसों में बेचते थे फर्जी टिकट, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

Share This:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आगरा, अलीगढ़, मथुरा व हाथरस रूट पर 50 से ज्यादा सरकारी बसों पर कब्जा करके यात्रियों को फर्जी टिकट या बिना टिकट यात्रा करवाने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। एसटीएफ ने मंगलवार को रोडवेज कर्मचारी यूनियन के दो कथित नेताओं समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर इस संगठित अपराध का खुलासा किया है। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने बताया कि माफिया पिछले 10 साल से सरकार बसों पर कब्जा कर राजस्व लूट रहे थे।

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के एमडी ने आईजी एसटीएफ अमिताभ यश से मुलाकात कर सरकारी बसों पर माफिया के राज की जानकारी देते उनसे मदद मांगी थी। इसके बाद यूपी एसटीएफ की आगरा टीम को खुलासे के लिए लगाया गया। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि एसटीएफ ने रोडवेज के अधिकारियों की मदद से इस गैंग का भंडाफोड़ करने की योजना तैयार की।

मंगलवार को एसटीएफ के कुछ लोग गैंग द्वारा चल रहीं रोडवेज की बसों पर सवार हो गए। इस बीच बसों में सवार माफियाओं के बाउंसर्स को एसटीएफ की मौजूदगी का पता चल गया। उन लोगों ने एसटीएफ कर्मियों पर हमला कर दिया। साथ ही इगलास इलाके में अपने अन्य साथियों को भी बुला लिया। हालांकि एसटीएफ की मुस्तैदी से सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस पड़ताल में पता चला है कि मेघ सिंह खुद को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम कर्मचारी एकता संघ का अध्यक्ष बताता था और देवेंद्र उपाध्यक्ष। एसटीएफ के मुताबिक इनका संगठन अवैध है। वे खुद ही संगठन चला रहे थे। ये लोग लम्बे समय तक लखनऊ डिपो में भी तैनात रहे हैं।

यह गैंग 10 साल से सरकारी बसों पर कब्जा कर सरकार का करोड़ों का राजस्व लूट रहे थे और परिवहन निगम के अफसर मूकदर्शक बने हुए थे। एसटीएफ के मुताबिक गैंग के सरगना मेघ सिंह और देवेंद्र सिंह ने पूछताछ में बताया कि इगलास के अशोक और सोनू की मदद से पूरा रैकेट चला रहे थे। अलीगढ़, मथुरा, सादाबाद और आगरा की करीब 50 बसों पर उनका कब्जा था। इनमें उन्हीं चालक-परिचालक की ड्यूटी लगती थी, जो उनसे जुड़े थे।

सरकारी बसों पर कब्जा करने वाले गैंग में 400 से ज्यादा बाउंसर जुड़े हुए हैं। ये बाउंसर विरोध करने वाले अफसरों और यात्रियों को पीटने में जरा भी देर नहीं करते थे। इनकी दहशत के चलते इन रूट पर तैनात अधिकारी कभी भी बसों की जांच नहीं कर पाते थे। इन लोगों ने आगरा में तैनात रोडवेज के रीजनल मैनेजर पर जानलेवा हमला तक कर दिया था। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज है।

एसटीएफ ने मौके से हाथरस के मेघ सिंह व मथुरा के देवेंद्र सिंह के अलावा अलीगढ़ के इगलास निवासी ओमवीर, खेम सिंह, अरविंद, कुशल पाल, गोंडा निवासी ज्ञानेंद्र सिंह, मथुरा निवासी रविंद्र सिंह, शिवराम, रवि तोमर व बांके बिहारी को गिरफ्तार किया है। वहीं आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने कहा कि जिस तरह से 10 साल से गैंग सरकारी बसों पर कब्जा कर सरकार को राजस्व की चपत लगा रहा था उससे जाहिर है कि इसमें कई बड़े अधिकारियों की सरपरस्ती है। 11 आरोपियों से पूछताछ में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, एसटीएफ उन्हें भी गिरफ्तार करेगी।

Leave a Reply

Top