इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एशियन गेम्स 2018 के दूसरे दिन भारत के 16 साल के एक लाल ने गिल्ली डंडा खेलने की उम्र में गोल्ड मेडल हासिल किया। जिस 16 साल की उम्र में लड़के गुलेल की गोली से खेलते है उस उम्र निशानेबाजी में गोल्ड जितकर भारत का नाम रोशन करने वाले सौरभ चौधरी को आज पूरा देश जानने लगा है।
10 मीटर एयर पिस्टल के मेन्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले सौरभ चौधरी महज 16 साल के है। 16 साल की उम्र में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल के एशियाई खेलों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 240.7 अंक हासिल कर गोल्ड पर निशाना साधा। सौरभ चौधरी एशियन गेम्स में छोटी उम्र में ऐसा कारनामा करने वाले पहले भारतीय निशानेबाज हैं। सौरभा की इस कामयाबी को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको 50 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की है।
किसान परिवार में जन्मे सौरभ चौधरी मेरठ के कलीना गांव के रहने वाले है। बचपन से ही सौरभ का सपना था कि वो देश के लिए कुछ करें। इसी सपने को सच करने के लिए 2018 में सौरभ ने जूनियर वर्ल्ड कप में तीन गोल्ड मेडल अपने नाम किये थे। जिस एशियाड खेल को ओलंपिक के बाद सबसे मुश्किल खेल माना जाता है, जिसमें बड़े-बड़े शूटर मेडल जितने का सपना देखते हैं, उस एशियाड में गोल्ड जितकर सौरभ ने कमाल कर दिखाया। उनके इसी कमाल को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सौरभ चौधरी को स्वर्ण पदक जीतने पर 50 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। साथ ही सरकार मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि, सौरभ को राज्य सरकार में राजपत्रित अधिकारी का पद दिया जाएगा।
सौरभ के लिए अब अगला लक्ष्य 2020 टोक्यो ओलंपिक में देश को गोल्ड मेडल दिलाना है। अभी तक भारत के लिए 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ही यह कमाल कर पाए हैं। देश के इस होनहार निशानेबाज से उम्मीदें बढ़ गई हैं। 2017 में गोल्ड मेडल जितने के साथ ही सौरभ यूथ ओलंपिक के लिए क्वालिफाइ कर चुके हैं।