छत्तीसगढ़ में 23 साल की एक हिंदू लड़की से शादी करने के लिए मुसलमान से हिंदू बन गये 33 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी प्रेमिका को उसके माता-पिता के कब्जे से आजाद कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने छत्तीसगढ़ सरकार से पूरे मामले पर जवाब मांगा है और याचिका की प्रति राज्य सरकार के वकील को देने का निर्देश दिया है।
हिंदू बनकर आर्यन आर्य नाम अपना चुके मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीकी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, आर्यन का कहना है कि कोर्ट ने उसकी पत्नी के परिवार को उसकी पत्नी को मुक्त करने का आदेश देने से इनकार कर बहुत बड़ी गलती की है।
क्योंकि उसकी और उसकी पत्नी की जान पर खतरा है, और उसकी पत्नी को उसके माता-पिता स्वतंत्रता से वंचित कर रहे हैं। उसे भी उसकी पत्नी के घरवाले और समाज के कुछ अन्य कट्टरपंथी तत्व धमकी दे रहे हैं।
आर्यन ने बताया कि कि उसकी पत्नी ने उच्च न्यायालय में कहा था कि वो 23 साल की है और बालिग है तथा अपनी मर्जी से उसने शादी की है लेकिन उच्च न्यायालय ने उसे अपने माता-पिता के साथ रहने का निर्देश दिया। दोनों ने 25 फरवरी, 2018 को रायपुर में एक आर्य समाज मंदिर में शादी की थी।