बलिया बलिदान दिवस के अवसर पर जिला जेल से टाउनहाल तक जुलूस निकाला गया। जिसमे जनप्रतिनिदयों सहित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजन शामिल रहे। आज ही के दिन 19 अगस्त 1942 को बलिया 13 दिनों के लिए आज़ाद रहा जिसके गौरवपूर्ण इतिहास को आज भी याद किया जाता है।
ये बलिया जनपद का गौरव पूर्ण इतहास है की पूरे देश को जहा 1947 में पूर्ण आजादी मिली वही बलिया 19 अगस्त 1942 को 13 दिनों के लिए अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद रहा। इस गौरव गाथा को याद करते हुए बलिया जिला जेल से सवतंत्रता सेनानियों के परिजन, जनप्रतिनिधियों और प्रशाशनिक अधिकारियों के साथ जुलूस की शक्ल में शहर के ऐतिहासिक बापू भवन तक पहुंचे। शहीदों को याद करते हुए भाजपा विधायक ने कहा की ये बलिया की धरती की बगावती तेवर ही है जिसने देश में आज़ादी की अलख जगाई।
बलिया के अलावा मिदनापुर और सतारा ही ऐसे स्थान थे जो आजादी के पहले आजाद होने का गर्व प्राप्त हुआ। बलिया के 13 दिनों की आज़ादी के नायक बने थे चीतु पांडे जिनको बलिया के लोग आजभी अपना नायक मानते है।