भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों को फिर से निराश कर दिया है। किसानों की फसलों को बारिश और बाढ़ नें बर्बाद कर दिया है। एक तरफ किसान पहले से ही कर्ज की मार झेल रहे थे ऊपर से कुदरत की मार भी लगातार झेलनी पड़ रही है। जहां भारी बारिश के चलते बाढ़ आने से किसानों की फसलें तहस-नहस हो गई है। जिससे किसानों का हाल बेहाल हो गया है।
आपको बात दें की सहारनपुर जिले में बीते दो दिनों से मुसलाधार बारिश से आम जन जीवन त्रस्त हुआ है। वहीं भारी बारिश के चलते हथनी कुंड में जलस्तर बढ़ने से पानी छोड़ा गया है। जिसमे सहारनपुर जिले के एक दर्जन गांव चिलकाना, सुल्तानपुर, दूध गड, नारायणं गड, दुमझेड़ा ,नगला ,दुमझेड़ी ,ढोलहा हडी ,बिना खड़ी आदि गांव के किसानों की धान और गन्ने की फसलें बर्बाद हो गई है। जिससे किसानों को काफी गहरा सदमा लगा और अपने खेतों में बैठ अपनी फसलों को देखकर दुखी हो रहे है। जिसमें किसानों ने बताया की इस बाढ़ ने हमारी महनत पर पानी फेर दिय है। जिसमें धान गन्ने की सभी फसले बर्बाद हो गई है। एक तो पहले ही गन्ने का पैसा हमे फरवरी का नहीं मिला ऊपर से सरकार और साहूकारों का कर्जा जो खेती करने के लिए लिया था सोचा था की सभी का कर्जा उतार देंगे पर इस बाढ़ ने सब-कुछ खत्म कर दिया है। ऊपर से किसान कर्जे की मार झेल रहे हे। किसानों का कहना है की अब तक पटवारी या कोई अन्य अधिकारी हमारी सुध नहीं लेने आया पता होने के बाद भी कोई नहीं आया वहीं किसानों ने बताया की पानी 15 फुट तक था सड़के और पुल भी इस बाढ़ में टूट गए है। जहां पुल की मरम्मत के लिए भी कोई प्रशाशनिक अधिकारी नहीं आया अगर इस पुल की मरम्मत नहीं हुई तो बड़ा हादसा भी हो सकता है।
हिंद न्यूज़ टीवी के लिए सहारनपुर से जोगिंदर कल्याण