18वें एशियाई खेलों के 65 किलोग्राम भारवर्ग फ्रीस्टाइल स्पर्धा में पहलवान बजरंग पूनिया ने जापान के ताकातानी दायची को हराकर भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है। इससे पहले सेमीफाइनल मुकाबले में बजरंग ने मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचुलुन को 10-0 से मात दे फाइनल में प्रवेश किया था।
बजरंग ने अपने पहले मुकाबले में उज्बेकिस्तान के पहलवान सिरोजिद्दीन खासानोव को 13-3 से मात दे क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह को पक्का किया वहीं क्वार्टर फाइनल में उन्होंने ताजिकिस्तान के फेजेव अब्दुलकासिम को 12-2 से मात दी। अंतिम-4 में उन्होंने मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचुलुन को 10-0 से मात दे फाइनल में जगह बनाकर अपना पदक पक्का किया।
स्मार्ट फोन से लगाया गोल्डन दाव
24 साल के पूनिया गोल्ड मेडल तक पहुंचने के लिए अपने हर प्रतिद्वंद्वी को एकतरफा चित करते गए। बजरंग के इस बेहतरीन प्रदर्शन के पीछे उनके स्मार्ट फोन की भूमिका बेहद अहम रही है। बजरंग अपने स्मार्ट फोन में दुनिया के बड़े पहलवानों के वीडियो देखते हैं। उनके हर पहलू पर पैनी नजर रखते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपनी तैयारियों में मदद मिली।
इससे पहले बजरंग 2013 वर्ल्ड चैंपियनशिप में वो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। जबकि 2018 और 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने अपने नाम गोल्ड किया था। 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल पर दांव लगाया था। इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में उनके नाम एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल हैं।