एक तरफ किसान पहले ही कर्ज की मार से झेल रहे हैं साथ ही किसान लगातार कुदरत की मार झेल रहा है। जहां भारी बारिश के चलते बाढ़ आने से किसानों की फसल तहस नहस हो गई जिससे किसानों का हाला बेहाल है।
सहारनपुर में एक तो पहले ही बीते दिनों से भारी बारिश हो रही है वहीं हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद से यमुना का जलस्तर बढ़ गया जिससे सहारनपुर के करीब एक दर्जन भर गावों में बाढ़ आ गई और खेतों में खड़ी फसले बर्बाद हो गयी। सहारनपुर जिले के चिलकाना, सुल्तानपुर, दूध गढ़, नारायणं गढ़, दुमझेड़ा, नगला, दुमझेड़ी, ढोलहा, हडी में किसानों की गन्ने और धान की खड़ी फसल बाढ़ में बर्बाद हो गयी। किसानों ने बताया की उनकी मेहनत पर कुदरत ने पानी फेर दिया। हिंद न्यूज टीवी से बात करते हुए किसानों ने बताया कि एक तो पहले ही हमे फरवरी के गन्ने का पैसा नहीं मिला और सोचा था कि खेती करने से जो पैसा मिलेगा उससे साहूकारों का कर्ज उतार लूंगा, जो कर्ज लिया था खेती करने से लेकिन इस बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया।
किसानों का कहना है की अब तक पटवारी या कोई अन्य अधिकारी हमारी सुध नहीं लेने आया पता होने के बाद भी कोई नहीं आया। वहीं किसानों ने बताया की 15 फुट तक पानी था, सड़के और पुल भी इस बाढ़ में टूटे गए। अभी तक पुल की मरम्मत के लिए भी कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं आया अगर इस पुल की मरम्मत नहीं हुई तो बड़ा हादसा भी हो सकता है।
वहीं तस्वीरों में साफ़ देख सकते है फसलों की क्या दशा है और वहीं सड़क और पुल भी टूटे पड़े हे जहां अभी तक भी पानी फसलों में दिखाई दे रही है।
हिंद न्यूज टीवी ले लिए सहारनपुर से जोगिंदर कल्याण