क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को नेशनल असेंबली ने शुक्रवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। थोड़ी देर में ही इमरान खान इस्लामाबाद में पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। भारत से नवजोत सिंह सिद्धू इमरान के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए शुक्रवार को ही पाकिस्तान पहुंच चुके हैं।
डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने 176 सीटें जीती हैं, जबकि उनके विरोधी पाकिस्तान मुस्लिम लीग(नवाज) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को केवल 96 वोट ही मिले।
इमरान पर फौज के साथ मिलकर राजनीति करने के आरोप लग रहे हैं तो ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत को लेकर उनका रुख़ क्या रहेगा। इमरान खान अपने चुनावी भाषणों में कई बार बानगी पेश कर चुके हैं कि भारत को लेकर वह क्या सोचते हैं, यहां तक की अपने धुर विरोधी नवाज शरीफ पर आरोप लगाने में भी वह भारत को घसीटते रहे हैं।
जैसे ही भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की बात आती है तो इमरान के तेवर काफी तल्ख होते हैं जिसमें कोई गुंजाइश नजर नहीं आती। हालांकि सत्ता पर बैठने के बाद हर कोई अपने आपको थोड़ा ठीक करने की कोशिश करता है, लेकिन फिर भी भारत के लिए कहीं न कहीं ये चिंता की बात है कि आखिर इमरान के सत्ता पर काबिज होने के बाद भारत-पाक के रिश्ते कैसे होंगे।