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जब अटल बिहारी वाजपेयी ने लिखा ‘प्रेमपत्र’ और उसके बाद हुआ कुछ ऐसा

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सब जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं कि, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने प्रेम पत्र जरूर लिखा। आपको ये बात शायद न पता हो, लेकिन ये सच है। अटल बिहारी की जिंदगी में वो लम्हा आया और गुजरा जब वो उदास हो गए, वाजपेयी को लगा कि अब सबकुछ खत्म हो गया, लेकिन वो गलत थे क्योंकि बाद में यही लम्हा जिंदगी प्रेम कहानी बन गई।

पत्रकार कुलदीप नैयर ने लिखा कि ये देश के राजनितिक हलके में घटी सबसे महान प्रेम कहानी थी। 40 के दशक में इस कहानी की शुरूआत तब हुई, जब ग्वालियर के एक कॉलेज में अटल पढ़ा करते थे और वो भी उनके साथ पढ़ रही थी। बातें केवल आंखों ही आंखों में होती थी क्योंकि बात करने का मौका नहीं था। वहीं अटल ने हिम्मत की और उन्होंने लवलेटर यानि प्रेम पत्र लिख डाला। वहीं जब जवाब नहीं आया तो वो बहुत दुखी हुए, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि लगभग एक या डेढ़ दशक बाद ये प्रेमपत्र उनकी जिंदगी बदलने वाला है।

दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल के बीच चले उस रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया, लेकिन कुलदीप नैयर के अनुसार ये खूबसूरत प्रेम कहानी थी। हर कोई जानता था कि कौल अटल जी के लिए सबसे प्रिय हैं। वहीं जब मई 2014 में मिसेज कौन का निधन हुआ तो देश की मीडिया ने उनको दिखाया। अखबरों में पहली बार उनके बारे में खबरें मिलने को मिली। वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने इसे थोड़ा विस्तार से छापा।

अटलजी पर लिखी गई किताब ‘अटल बिहारी वाजपेयी ए मैन ऑफ आल सीजंस’ के लेखक किंगशुक नाग जो कि पत्रकार भी थे, उन्होंने लिखा कि किस तरह पब्लिश रिलेशन प्रोफेशनल सुनीता बुद्धिराजा के मिसेज कौल से अच्छे रिश्ते थे। वहीं वाजपेयी ने लाइब्रेरी में एक किताब के अंदर राजकुमारी के लिए प्रेम पत्र रखा, लेकिन उन्हें इस पत्र का जवाब नहीं मिला। वास्तव में राजकुमारी ने वहीं किताब के अंदर जवाब देकर किताब को वहीं रख दिया था, लेकिन वाजपेयी तक वो नहीं पहुंच पाया था।

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