देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कल शाम दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हो गया। वहीं उसके बाद देश उनको याद कर रहा है। इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में कई बातें निकलकर सामनें आई। सबकी नजरों में अटल की छवि अलग तरह की थी। वहीं हम आपको एक ऐसे किस्से के बारे में बताएंगे जिसे बेहद ही कम लोग जानते हैं।
कंधार में हुए प्लेल हाईजैक कांड से लगभग 1 दशक पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद हाईजैक हुए प्लेन में जाकर 48 लोगों को नई जिंदगी दी थी। ये बात बहुत कम लोगों को पता है और ये बात कभी सुर्खियां भी नहीं बनी। दरअसल, 22 जनवरी 1922 को इंडियन एयरलाइन्स के एक प्लेन ने लखनऊ से दिल्ली के लिए उड़ान भरी, लेकिन एक युवक ने ये कहते हुए प्लेन को हाईजैक कर लिया कि उसके हाथ में लिपटे कपड़े में केमिकल बम है। उसने कहा कि प्लेन को वापस लखनऊ एयरपोर्ट ले जाया जाए और किया भी ऐसा ही गया।
कोई ये नहीं जानता था कि आखिर हाईजैकर चाहता क्या है। वहीं उस वक्त उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन था और विपक्ष के सबसे कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी उस दिन लखनऊ में थे। सर्किट हाउस में जैसे ही अटल ने खाना शूरु ही किया था कि तभी लखनऊ के तत्कालीन डीएम अशोक प्रियदर्शी हांफते हुए कमरे में आए और कहा कि आप जल्दी एयरपोर्ट चले और सारी बात वाजपेयी को बताई। वहीं इसके बाद लालजी टंडन के साथ वो एयरपोर्ट पहुंचे। जहां उनकी बात हाईजैकर से करवाई, लेकिन ने अटल की आवाज पहचानने से इंकार कर दिया।
वहीं इसके बाद वाजपेयी ने फैसला किया कि वो विमान में जाएंगे, लेकिन ऐसा करने से सबने उन्हें रोका और दूसरे विकल्प तलाशने लगे। लेकिन अटल अपनी बात पर अटल रहे और लालजी के साथ प्लेन में चले गए। वहीं अपहरणकर्ता से लालजी ने कहा कि तुम जिनसे मिलना चाहते हो वो तुम्हारे सामने खड़े हैं, उनके पांव तो छू लो और जैसे ही अपहरणकर्ता वाजपेयी के पैर छूने के लिए झुका। सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और इस तरह अटल बिहारी वाजपेयी ने 48 लोगों की जान बचाई।