देश का तिरंगा यूं तो सबकी आन-बान और शान है। लेकिन यही तिरंगा अलीगढ़ में एक महिला के परिवार की जीवनी बना हुआ है। परिवार के लिए दो वक्त कि रोटी का साधन बना हुआ है। अलीगढ़ में रहने वाली एक महिला तिरंगे झंडे सिलकर अपने लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करती है। वहीं एक दुकानदार तिरंगे झंडे बेचकर कमाई की वजह से देश की आजादी में सहभागिता निभा रहा है।
जहां एक और हिंदुस्तान आजादी की 72वीं वर्षगांठ मना रहा है। जिसके लिए पुरा देश जोर शोरों से तैयारियों में जुटा है, वहीं आज एक महिला के परिवार लिए वही आजादी का दिन 2 जून की रोटी का सहारा बना हुआ है। दरअसल चंद्रवती नाम की दुबे की सराय निवासी महिला तिरंगे झंडे सिलकर अपने परिवार का जीवन यापन कर रही है, बातचीत में पता चला की यह महिला तिरंगे झंडे सिलती है, जिसकी बिक्री 15 अगस्त और 26 जनवरी के करीब आते ही बढ़ जाती है, तो उसको खासा खुशी मिलती है, कहने को झंडे की गिनती पूरे वर्ष में इतनी नहीं होती है, लेकिन इन दोनों मुख्य दिन पर गिनती बढ़ जाती है। और कई सालों से यही तिरगां इस परिवार के जीवन यापन का सहारा बना हुआ है।
हिंद न्यूज़ टीवी के लिए अलीगढ़ से अजय कुमार