नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक वी एस नायपॉल के निधन पर राजनीति से लेकर साहुत्य जगत के तमाम दिग्गजों ने शोक जताया। जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन को अक्षरों की दुनिया की अपूर्णीय क्षति बताया वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायपॉल के निधन को लेखन की दुनिया के लिए इसे बड़ा नुकसान बताया। उपनिवेशवाद, आदर्शवाद, धर्म और राजनीति पर आलोचनात्मक लेखन के लिए प्रसिद्ध नायपॉल का 85 साल की उम्र में निधन हो जाने की जानकारी आज सुबह उनके परिवार ने दी।
Sad to learn of the passing of V.S. Naipaul whose books are an penetrative exploration of faith, colonialism and the human condition, in his home in the Caribbean and beyond. A loss for the world of letters and for the broader school of Indo-Anglian literature #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) 12 August 2018
नायपॉल को नोबेल से लेकर कई और प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। नायपॉल को वर्ष 1971 में मिला ‘मैन बुकर प्राइज’ और वर्ष 1990 में साहित्यिक योगदान के लिए मिली ‘नाइटहुड’ की उपाधि शामिल है। उन्हें 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि सर वी एस नायपॉल को उनके विस्तृत लेखन के लिए याद किया जाएगा जिसमें इतिहास, संस्कृति, उपनिवेशवाद, राजनीति और अन्य विभिन्न विषयों पर लेखन कार्य शामिल हैं।
Sir VS Naipaul will be remembered for his extensive works, which covered diverse subjects ranging from history, culture, colonialism, politics and more. His passing away is a major loss to the world of literature. Condolences to his family and well wishers in this sad hour.
— Narendra Modi (@narendramodi) 12 August 2018
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी नायपॉल के निधन पर शोक जताया। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, आपने तीक्ष्ण अवलोकन, रचनात्मकता और अक्सर आलोचनात्मक चित्रण से विश्व को प्रभावित एवं आर्किषत करने वाले साहित्य के प्रतिभाशाली व्यक्ति और आधुनिक दर्शनशास्त्री तथा नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार वी एस नायपॉल के निधन पर मेरी संवेदनाएं।
My condolences on the passing away of Nobel Laureate #VSNaipaul – a literary giant and a modern philosopher who entralled and influenced the world with his keen observations, creativity and often crticial descriptions. May his soul rest in peace. pic.twitter.com/uEexU1T3s7
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) 12 August 2018