सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समूहों के संघ सकल मराठा समाज ने कहा कि नवी मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में आज ‘बंद’ का ऐलान किया है। मराठा संगठनों के विरोध प्रदर्शन के चलते पिछले दिनों राज्य के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी हुई थी। जिसके बाद अधिकारियों ने हिंसा की आशंका को देखते हुए कुछ इलाकों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। आपको बता दे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पहले ही मराठा समाज को आश्वासन दे दिया है कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा लोगों को आरक्षण मुहैया कराने के लिए उनकी सरकार काम कर रही है। उनके आश्वासन के बावजूद बंद का आयोजन किया जा रहा है।
लाइव अपडेट
पुणे के 7 तहसीलों में बंद के मद्देनजर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया हैं।
Internet services have been suspended in 7 tehsils of Pune district- Shirur, Khed, Baramati, Junnar, Maval, Daund and Bhor, as a precautionary measure. #MarathaReservation
— ANI (@ANI) August 9, 2018
अभी तक मुंबई के जी टीवी नगर में बंद का कोई असर नहीं।
No effect of bandh call yet in Mumbai. Visuals from GTB Nagar. #MarathaReservation pic.twitter.com/wsQ6eWCNOw
— ANI (@ANI) August 9, 2018
राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 30 फीसदी हैं जो 16 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं। वहीं आरक्षण के बारे में कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने नवम्बर तक का समय मांगा है। बंद की पूर्व संध्या पर सरकार में वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी मांग पर 15 नवम्बर तक कुछ नहीं किया जा सकता। बंद में किसी तरह की कोई हिंसा न हो इसके लिए सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने बंद के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों पर त्वरित कार्यबल की छह कंपनियां और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल तथा राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक-एक कंपनी तैनात की है। राज्य के मुख्य सचिव डी के जैन ने बंद से पहले सुरक्षा उपायों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उपनगरीय रेल सेवा सुचारु ढंग से चले तथा स्कूल एवं अन्य सेवाएं प्रभावित न हों।
सकल मराठा समाज के नेता अमोल जाधवराव ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह राज्यव्यापी बंद होगा जिसमें नवी मुंबई शामिल नहीं होगा। बंद से सभी आवश्यक सेवाओं, स्कूलों और कॉलेजों को अलग रखा गया है।’ उन्होंने कहा, ‘कुछ संवेदनशील मुद्दों के कारण हमने नवी मुंबई में बंद नहीं करने का निर्णय किया है।’ इससे पहले हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर शुरू आंदोलन की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य पिछड़ा आयोग जल्द से मराठा आरक्षण से जड़ी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपे। मराठा आरक्षण को लेकर जारी खुदकुशी पर चिंता व्यक्त करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने कहा था कि मराठा समुदाय के लोग धैर्य रखें। न तो हिंसक गतिविधियों में शामिल हों और न ही आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाएं। क्योंकि, मामला अभी अदालत में न्यायालय में विचाराधीन है।