नई दिल्ली। दलितों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “नीयत” के बारे में बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि पीएम मोगी समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को हाशिये पर रखना चाहते हैं।
राहुल ने दिल्ली के जंतर मंतर पर एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आने वाले 2019 के आम चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी के नारे, ‘साफ नीयत, सही विकास’ पर जमकर तंज कसा।
उन्होंने कहा कि चीजें” नीयत से शुरू होती हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में जो भी होगा, चीजें उसके अनुसार ही काम करेंगी। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि दलित हाशिये पर बने रहें। अगर मोदी के दिल में दलितों के लिए जगह थी, तो जो नीतियां बन रही थीं उनमें उन सभी चीजों को दिखना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। मोदी ने अपनी एक किताब में लिखा था कि जब उनके घर को कोई दलित साफ करता है तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। दलित अत्याचार अधिनियम कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा लाया गया था। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कांग्रेस एससी/एसटी अधिनियम को कभी कमजोर नहीं होने देगी।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक शोध छात्र रोहित वेमुला की घटना को याद करते हुए कहा कि तथाकथित जाति आधारित भेदभाव के कारण दो साल पहले उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सोच दलित विरोधी है। 2019 में हम सभी मिलकर उन्हें हरायेंगे। कांग्रेस ने हमेशा एससी/एसटी अधिनियम की हमेंशा रक्षा की है और भविष्य में भी इसको जारी रखेंगे।
राहुल गांधी के साथ सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने तेलंगाना स्थित समूह महादीका आरक्षण विकास समिति द्वारा आयोजित विरोध में भी भाग लिया।
राष्ट्रीय राजधानी में जंतर मंतर के प्रदर्शनकारियों ने अप्रैल के भारत बंद के दौरान आपराधिक आरोपों के तहत गिरफ्तार अपने सभी नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं। आंदोलनकर्ता दलितों के खिलाफ अत्याचारों में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं।
हालांकि, लोकसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से कठोर दिशानिर्देशों के प्रावधानों के साथ कानून पारित किया, जैसे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार के आरोपियों के लिए कोई जमानत नहीं है और आपराधिक मामले दर्ज करने और जांच शुरू करने की जांच की आवश्यकता नहीं है।