नीरव मोदी प्रकरण सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक को लगातार दूसरी तिमाही में घाटा हुआ हैं। मिली जानकारी के वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल-जून क्वॉर्टर में पीएनबी को 940 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा जबकि इसी तीमाही में पीछले साल बैंक को 343 करोड़ का मुनाफा हुआ था। जबकि यह आंकड़ा पिछली तिमाही में 134.17 बिलियन रुपये की हानि से कम है, जो कि भारतीय बैंक के लिए सबसे ज्यादा नुकसान था।
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने जिस तरह से घोटाला कर पीएनबी बैंक को करीब 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। इस घोटाले के सामने आने के बाद बैंक को पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में रिकॉर्ड 13,417 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में बैंक के फंसे हुए कुल कर्ज (एनपीए) में 18.38 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की उसी तिमाही में एनपीए में 12.53 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी।
पीनबी बैंक को नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की वजह से चो घाटा हुआ हैं उसके नुकसान की भरपाई के लिए बैंक ने अपनी सहायक कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया हैं। साथ ही बैंक ने गैर प्रमुख कारोबार से अपने हाथ पीछे लेने की रणनीति बनाई थी। इसी रणनीति के तहत पीएनबी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए में अपनी पूरी हिस्सेदारी 108.60 करोड़ रुपये में बेच चुका है। इसके साथ ही बैंक पीएनबी हाउसिं फाइनैंस, क्रिसिल और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। हाउसिंग फाइनैंस की इस कंपनी में पीएनबी की कुल 32.79 फीसद हिस्सेदारी है, जिसकी बिक्री से उसे करीब 6,500 करोड़ रुपये की रकम मिलेगी।