इसी साल 3 जून को अपना 94वां जन्मदिन मनाने वाले करुणानिधि ने आदज शाम 6:10 बजे अंतिम सासें ली। 26 जुलाई, 1969 को अपने हाथों में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की कमान लेने वाले करुणानिधि को दक्षिण की राजनीति का पितामाह कहा जाता हैं। 1969 में पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने करुणानिधि ने पांच बार इस पद को संभाला। 2003 में आखिरी बार मुख्यमंत्री बने थे। करुणानिधि के नाम हर चुनाव में अपनी सीट न हारने का रिकॉर्ड है। करुणानिधि ने जिस भी सीट पर चुनाव लड़ा हमेशा जीत हासिल की।
करुणानिधि के जिस करिश्में के दम पर उनकी पार्टी सत्ता में आई थी और वो स्वंय मुख्यमंत्री बने थे उन्हीं करुणानिधि की निजी जिंदगी काफी दिलचस्प हैं। करुणानिधि ने दो शादियां करी हैं लेकिन फिर भी उनकी तीन बीवियां हैं। जी हां करुणानिधि की पहली पत्नी का नाम पद्मावती है जिनका 1948 में बीमारी के चलते निधन हो गया था। उनकी दूसरी पत्नी दयालु अम्मल जिससे उन्होंने 1952 में शादी करी
थी। और पत्नी है रजती अम्मल लेकिन वो करुणानिधि के साथ प्रेमिका के तौर पर रहती हैं।
करुणानिधि की पहली पत्नी पद्मावती अम्माय्यर दक्षिण सिनेमा के प्लेबैक सिंगर सीएस जयरामन की बहन थी। छरहरी लंबी और आकर्षक नैन नक्श वाली पद्मावती अम्माय्यर करुणानिधि को पसंद आ गई। जिसके बाद दोनों के बीच मुलाकातों का दौर चला और यह दौर प्यार में बदला और 1946 में दोनों ने शादी की ली।
करुणानिधि और पत्नी दयालु के चार बच्चे हैं, तीन बेटे और एक बेटी। जिनके नाम हैं- एमके अझागिरी, एमके स्टालिन, एकके थामिलारासु और सेल्वी।
कवि कन्नडासन के डांस ग्रुप की सदस्य रजती से करुणानिधि की मुलाकात 60 के दशक में चुनाव प्रटार के दैरान हुई थी। तब महज 20-21 साल की ही थी और करुणानिधि उनसे 21 साल बड़े थे। रजती की सुंदरता की ओर करुणानिधि इतने आकर्षित हुए की उनके प्यार कर बैठे। दोंनों के बीच प्यार हुआ। क्योंकि करुणानिधि शादी शुदा थे तो उनके सामने शादी की चुनौती थी। उन दिनों डीएमके का ‘स्वयं मर्यादा कल्याणम्’ नाम से एक कार्यक्रम चल रहा था। इसके अनुसार, लड़का और लड़की शादी के लिए न तो कोर्ट जाते थे और न ही किसी मंत्रोच्चार से विवाह करते थे। इसके लिए उन्होंने रास्ता निकाला था कि युवक और युवती पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच जिंदगी भर साथ निभाने की कसम खाएंगे।
करुणानिधि ने भी इसी रास्ते पर चलते हुए रजती के साथ पार्टी नेताओं से आशीर्वाद ले लिया। इसके बाद से दयालु जहां करुणानिधि की पत्नी रहीं, वहीं रजती को संगिनी कहा जाने लगा। एक साल बाद ही 1968 में कनिमोझी का जन्म हो गया।