यूं तो पूरे के पूरे सावन मास में ही शिव मंदिरों बाहर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन आज सावन का दूसरा सोमवार है। देशभर में जगह-जगह कावड़ियों की कावड़ यात्रा देखने को मिल रही है।
मंदिरों में श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, दूध व जल की तो जैसे नदियां बहा दी हैं। बड़ी संख्या में कावड़िये सुबह से ही प्रसिद्ध मंदिरों में विराजमान शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिये जल लेकर पहुंचे हुए हैं।
कई जगह कावड़ियों के लिए जलपान की व्यवस्था की हुई भी नजर आ रही है। आप लोगों के मन में भी सवाल उठ रहा होगा कि आखिर सावन के दूसरे सोमवार का महत्व क्या है,
- सावन के इस दूसरे सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग बना है, इसके साथ ही वृद्धि योग और कृतिका नक्षत्र का संयोग बना हुआ है।
- इस तरह का योग बनने का अर्थ है शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि पर विचार करने की जरूरत नहीं होती है।
- इस सोमवार सच्चे मन से पूजा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
- सावन का यह सोमवार सच्चे भक्तों को बेहतर स्वास्थ्य और बल प्रदान करता है।
- सावन के इस सोमवार में शिव को भांग, धतूरा और शहद अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
- कालसर्प योग की शांति के लिए भी दूसरा सोमवार बेहद शुभ है।
- शिव का रुद्राभिषेक से विशेष लाभ और शिव की कृपा प्राप्त होती है और कालसर्प योग भी दूर हो जाता है।