पटना। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों के साथ हुए बलात्कार के मामले में आलोचना झेलने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रेस काफ्रेंस को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों के राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह किया जा रहा है।
मामले में उन आरोपीओं के खिलाफ प्रासंगिक कार्रवाई करने का दावा करते हुए नीतीश कुमार ने अपने नवीनतम ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम में यह भी सुझाव दिया कि आश्रय घरों को गैर सरकारी संगठनों द्वारा नहीं चलाया जाना चाहिए, बल्कि सरकार को बेहतर कामकाज के लिए उन पर नियंत्रण रखना चाहिए।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस घटना ने पूरे समाज को शर्मिंदा कर दिया है। मामले के संज्ञान में आते ही अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी। जब जांच अधिकारी मामले की जांच कर रहे थे, उस समय लोगों के मन में आशंका पैदा होने लगी। जिसके बाद मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया।
उन्होंने कहा कि सिस्टम में दोष है। हमने जांच का आदेश दिया है। हालांकि, लोग अपने हिसाब से कुछ बोलने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन मैं इस घटना को लेकर बहुत अधिका चिंतित हूं।
नीतीश ने विपक्षी दलों के खिलाफ अपनी चिंताओं को जारी रखा, उन्होंने कहा कि मैंने उन लोगों की तस्वीरों को देखा (विपक्षी नेता) ‘धरने’ पर बैठकर हंस रहे थे। मैं उन लोगों को देखकर आश्चर्यचकित हुआ, जिन्होंने कैंडल मार्च में हिस्सा लिया। राजनीति में भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने के लिए धरना दिया गया। ये लोग महिला सुरक्षा के बारे में ज्यादा चिंतित नहीं हैं।
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर कांड के खिलाफ और नीतीश सरकार की नाकामियों के खिलाफ शनिवार को धरना का आयोजन किया गया था। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव की बहन मीसा भारती और डी राजा सहित सांसद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, पूर्व सांसद शरद यादव मौजूद थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके गठबंधन साथी भारतीय जनता पार्टी आपकी छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रही है तो नीतीश ने कहा, “ऐसा कुछ भी नहीं है। यह एक राजनीतिक बात है। लोग जो भी चाहते हैं वो कहते हैं।”
इस मामले में बिहार सरकार में मंत्री मांजू वर्मा की भागीदारी के बारे में पूछताछ पर मुख्यमंत्री ने कहा, “यदि मंत्री से संबंधित कोई व्यक्ति शामिल है, तो उन्हें बचाया नहीं जाएगा। लेकिन यह मुद्दा अभी क्यों उठाया जा रहा है। हमने उन्हें बुलाया था और उन्होंने किसी भी भागीदारी से इंकार कर दिया। उनके ऊपर आरोप आधारहीन हैं?