मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर आश्रय घर में हुए बलात्कार के मामले में पूरी तरह से घिरने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सभी जिला मजिस्ट्रेटों को राज्य में चल रहे बच्चों और महिलाओं के आश्रय घरों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
नीतीश ने आदेश दिया कि कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आश्रय घरों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले के जांच की जिम्मेदारी ले ली है और आगे की जांच के लिए टीम मुजफ्फरपुर पहुंच चुकी है। उन्होंने पटना के सामाजिक कल्याण विभाग और मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) से मामले से संबंधित सभी दस्तावेज एकत्र किए हैं।
अप्रैल में टीआईएसएस की एक रिपोर्ट के बाद मामला प्रकाश में आया।
पिछले महीने, आश्रय घर के 11 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और 42 लड़कियों को बचाया गया था। ब्रजेश ठाकुर द्वारा आश्रय घर चलाया जा रहा था, जो इस मामले में मुख्य आरोपी है और अब सलाखों के पीछे है।
1 अगस्त को बिहार पुलिस ने 11 लड़कियों की गायब होने के खिलाफ उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद ठाकुर द्वारा चलाए गए एक और आश्रय घर पर छापेमारी की।