SC/ST दलित समुदाय की नाराजगी को देखते हुए मोदी सरकार ने (SC/ST) एक्ट को पुराने और मूल स्वरूप में बहाल करने का कदम उठाया है। SC/ST एक्ट संशोधन विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा में पेश किया गया। जिस पर आज सदन में चर्चा की जाएगी।
आपको बता दें, कि इसी साल 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने (SC/ST) जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST) एक्ट 1989 के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने फैसला लेते हुए कहा- कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ अथॉरिटी की इजाजत के बाद ही हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दलित संगठन 2 अप्रैल को सड़कों पर उतरा जिस कारण ‘भारत बंद’ तक करना पड़ा। दलित संगठन ने कई इलाकों में हिंसा शुरू कर दी, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
दलित संगठन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण मोदी सरकार को जिम्मेदार मानकर अपनी नाराजगी जता रहा था। दलित संगठनों ने मोदी सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है, कि अगर 9 अगस्त तक (SC/ST) एक्ट को पुराने स्वरूप में लाने वाला कानून नहीं बना, तो वो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दलितों की नाराजगी को देखते हुए मोदी सरकार ने SC/ST एक्ट को उसके मूल स्वरूप में लाने का फैसला लिया है। सरकार ने इस संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी के बाद लोकसभा में शुक्रवार को पेश किया था। जिसमे आज सदन में विस्तृत चर्चा की जाएगी।