किसी केस में 2 थानों की पुलिस को सीमा विवाद के चलते केस ना दर्ज करने के मामले तो अक्सर सुने होंगे लेकिन किसी दूसरे प्रदेश में हुई वारदात को मेरठ पुलिस ने अपने यहाँ मुकदमा दर्ज कर अपने हाथ में लेते हुए बड़ी सफलता हासिल कर एक मिसाल कायम की है। मेरठ के सर्राफ़ा व्यवसायी को धोखा दे लगभग 43 किलो चाँदी और लाखों रुपये लेकर फ़रार हुए ड्राइवर के मामले में खुलासा करते हुए फ़रार ड्राइवर के साले से 43 किलो चाँदी सहित सात लाख रुपये बरामद कर लिए हैं।
मेरठ के एसएसपी की टेबल पर लगा ये चांदी का ढेर कोई ज्वेलरी शॉप का नज़ारा नहीं बल्कि मेरठ पुलिस द्वारा किये गए बड़े खुलासे की तस्वीर है। दरअसल मेरठ के सर्राफ़ा व्यापारी संजय अग्रवाल अपने ड्राइवर सुनील के साथ अपनी स्विफ्ट डिज़ायर गाड़ी से दिल्ली चांदनी चौक गए थे। उनकी गाड़ी में 43 किलो चाँदी सहित लगभग 19 लाख रुपये रखे हुए थे, तभी उनका ड्राइवर गाड़ी पार्किंग में खड़ी करने के बहाने वहाँ से गाड़ी सहित भाग गया।
जिसकी शिकायत पीड़ित व्यापारी दिल्ली के स्थानीय पुलिस स्टेशन में करने पहुँचे लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनकी एक न सुनी, अब मायूस व्यापारी मेरठ पहुँचे और पूरे मामले की शिकायत मेरठ पुलिस के उच्च अधिकारियों से की। पीड़ित व्यापारी की शिकायत और उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद थाना दिल्ली गेट के थानाध्यक्ष विजय गुप्ता ने केस अपने हाथ में लेते हुए छानबीन शुरु कर दी।
छानबीन में फ़रार ड्राइवर की लोकेशन कानपुर में पाई गई तो मेरठ से पुलिस टीम कानपुर के लिए रवाना हो गई और कानपुर से ड्राइवर सुनील के साले राहुल जो इस प्रकरण में ड्राइवर का पार्टनर था, को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से 43 किलो चाँदी तो बरामद कर ली लेकिन नगदी में महज सात लाख रुपये ही बरामद हुए।
हालांकि मुख्य आरोपी ड्राइवर अभी भी फ़रार है जिसकी गिरफ्तारी में पुलिस जुटी हुई है। पुलिस अधिकारियों सहित पीड़ित सर्राफा व्यवसायी ने खुलासा करने वाली टीम को इनाम देने की घोषणा की है।
हिंद न्यूज़ टीवी के लिए मेरठ से प्रदीप शर्मा