लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम समय रह गया है और विपक्षी दल एक मजबूत गठबंधन बनाने की तैयारी में जुट चुका है। और इसी सब के बीच कांग्रेस ने तय किया है कि फिलहाल अभी पूरा ध्यान विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगाया जाए ताकि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को हराने जाए। और चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी ने इसकी पुष्टि की है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच भी ‘रणनीतिक समझ’ बन गई है और उन्होंने यह दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘सही से’ गठबंधन हो जाए तो भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती।
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल दो चरणों में काम कर रही है। पहला चरण सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराने का है। वहीं दूसरा चरण चुनाव परिणाम का है जिसके बाद दूसरे बिंदुओं पर बात होगी। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर चुनाव से पहले बातचीत करना ‘विभाजनकारी’ होगा।