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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस को लेकर RJD की राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज, मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग

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मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की मांग की है। राज्य के शेल्टर होम में हो रहे रेप के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा देने की मांग की गई है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी बिहार और देश भर में साथ ही दिल्ली के जंतर-मंतर पर 4 अगस्त को प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस और बिहार में बढ़ रहे अपराध को लेकर सरकार को जिम्मेदार मानते हुए जवाब मांगते हुए हड़ताल करेगा।

मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम रेप केस में अब तक 11 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। शेल्टर होम में इस तरह के अपराध के बारे में सूचना मिलने के बाद पुलिस ने छापा मारकर 44 लड़कियों को बचाया।

तेजस्वी ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में यौन हमले के मामले में संलिप्त व्यक्ति को बचाने के लिए बिहार सरकार की भी आलोचना करते हुए बोले कि शेल्टर होम के मालिक बृजेश ठाकुर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्मानित किया है, जिसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि आरोपी का सम्मान करने वाले शीर्ष नेताओं की तस्वीरों से साफ-साफ जाहिर होता है कि इस मामले में कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। साक्ष्य को जानबूझकर मिटाया जा रहा है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।

गुरुवार को वामपंथी दलों और बिहार के अन्य राजनीतिक दलों ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रेप के खिलाफ पटना में राज्यव्यापी आंदोलन किया ता। यह आंदोलन राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) द्वारा भी समर्थित था।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने रेलवे पटरियों और शहर के आसपास के आसपास कई सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था।

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार से नोटिस भेजकर विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है। साथ ही मीडिया पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरव्यू सभी को चाहिए, लेकिन किसी के जान की परवाह उन्हें नहीं है।

बुधवार को राज्य पुलिस ने सुरक्षित आश्रय से 11 लड़कियों के गायब होने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद बृजेश ठाकुर द्वारा चलाए गए एक और आश्रय घर पर छापा मारा।

मुजफ्फरपुर के आश्रय गृह मामले में ठाकुर मुख्य आरोपी हैं, जहां 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों पर यौन उत्पीड़न किया गया था।

सीबीआई ने मुजफ्फरपुर के महिला पुलिस स्टेशन से जांच ले ली थी, जहां मामला 31 मई को धारा 120 (बी) (आपराधिक षड्यंत्र), 376 (महिला का शील भंग करना), 34 (सामान्य इरादे) के तहत पंजीकृत किया गया था। यौन अपराध अधिनियम (पॉक्सो) से बच्चों के संरक्षण के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और धारा 4, 6, 8, 10,12।

गौरतलब है कि लड़कियों के कथित यौन शोषण एक महीने पहले मुंबई स्थित सोशल साइंस इंस्टीट्यूट द्वारा खुलासा किया गया था। उन्होंने अप्रैल में अपनी रिपोर्ट जमा कर दी थी और बिहार सामाजिक कल्याण विभाग ने 31 मई को पटना में शेल्टर होम के लिए ठाकुर को एक और परियोजना को मंजूरी दे दी थी।

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